भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर गिनाई अपनी ही पार्टी की कमियां, इस बार उठाया ये मुद्दा
भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार पर निशाना साधने के लिए जाने जाते है। वरुण गाँधी भाजपा में रहकर भाजपा की ही कमियां गिनाने का काम करते हैं, इस बार उनकी ओर से बेरोजगारी के अहम मुद्दे को उठाते हुए किए गए ट्वीट ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी। इस ट्वीट को खासकर युवाओं ने खूब पंसद किया और काफी हद तक सही भी ठहराते दिखाई दिए। फिलहाल कई महीनों से छिड़ी ट्वीट वार से राजनीति गरमाई हुई है। पीलीभीत-बहेड़ी लोकसभा क्षेत्र से सांसद वरुण गांधी पिछले कई महीनों से ट्वीट कर अपनी ही सरकार की मुसीबत बढ़ा रहे हैं। उनकी ओर से जनहित के मुद्दों को उठाते हुए ट्वीट किया जा रहा है।
इतना ही नहीं अभी एक दिन पहले ही उन्होंने सरकार के निर्देश पर चल रही राशन कार्ड सत्यापन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक ट्वीट कर दिया गया था। इसे सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधने से जोड़ा गया था। इससे पहले किसान आंदोलन, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर बात की जा चुकी है। सोमवार को सांसद की ओर से एक-एक कर दो ट्वीट किए गए। दोनों ही ट्वीट बेरोजगारी को लेकर थे। सांसद ने किए गए ट्वीट में लिखा कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है।
वरुण गाँधी ने कहा कि छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नहीं करता, अपने हक की लड़ाई भी स्वयं लड़ता है। अरसों से लटकी भर्तियां और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश हैं। वहीं, दूसरे ट्वीट में लिखा कि बिना कारण रिक्त पड़े पद, लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद। छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है। चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो, परीक्षाएं कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों। इस पर आज और अभी से काम करना होगा…कहीं देर न हो जाए। इन दो ट्वीट के बाद खलबली मची रही। फिलहाल नौकरी के इंतजार में बैठे युवाओं ने इसे खासा पसंद किया।