बाबू छत्रसाल सिंह ने गरीबों, वृद्धों,जरूरतमंदों को कंबल बांटकर पेश की मानवता की सच्ची मिसाल
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मां शैली देवी, पिता अवधेश सिंह की स्मृति में जरूरतमंदों को बांटे कंबल
रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के शैल अवधेश पब्लिक हाई स्कूल खजुरों एवं ग्रीन फील्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज बछरावां के प्रबंधक बाबू छत्रसाल सिंह ने गत वर्षो की भांति क्षेत्र के जुगराजपुर गांव में ग्राम प्रधान रमेश सिंह के दरवाजे निर्मला, शिवपता, जगरानी, शिवकला, अहमदअली, रामसजीवन, रामनाथ,महादेव सहित 60 गरीब, बेसहारा, वृद्धों, दिव्यांगों एवं जरूरतमंदों को कम्बल बांट कर मानवता की सच्ची मिसाल पेश की। कंबल पाकर मुरझाए चेहरे खुशी से खिल उठे सभी ने बाबू छत्रसाल सिंह व उनके बड़े भाई आशुतोष सिंह उर्फ शिवा जी, बाबू आनंद सिंह को खूब दुआएं दी।
बताते चले कि बाबू छत्रसाल सिंह पिछले 21 वर्षों से बगैर किसी स्वार्थ के समाज सेवा करते चले आ रहे हैं। जो हर साल अपने पास से 500 से अधिक जरूरतमंदों को कंबल वितरित करने के साथ ही गरीब बेटियों की शादी में बढ़-चढ़कर मदद करते हैं। यही नहीं बाबू छत्रसाल सिंह अपने पास से गरीब बस्तियों में अब तक सैकड़ों इंडिया मार्का हैंडपम्प और सोलर लाइटें लगवा चुके हैं। जिनके सार्थक प्रयासों से नि:शुल्क नेत्र शिविरों के माध्यम से अब तक हजारों बेसहारा, जरुरतमन्दों को आंखों की रोशनी मिल चुकी है।
पूछे जाने पर बाबू छत्रसाल सिंह ने बताया कि अपनी पूजनीय माता शैला देवी,पूज्यनीय पिता अवधेश सिंह की स्मृति में पिछले 20 वर्षों से कंबल वितरण एवं नेत्र शिविर का आयोजन करने के साथ ही गरीब बेटियों शादी में मदद करते चले आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों की मदद करने से मन को जो शकून मिलता है उसको शब्दों में बंया नही किया जा सकता। उनका मानना है की वृद्धों एवं जरूरतमंदों की दुआएं कभी खाली नही जाती है,हमेशा वे दिल से दुआएँ देते हैं।
इस लिए हर किसी को आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। श्री सिंह अपने विद्यालयों में अब तक दर्जनों गरीब और अनाथ बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर उनका भविष्य संवार चुके हैं। जिसके लिए बछरावां और शिवगढ़ क्षेत्र में हर कोई उनकी कोई सराहना करते नही थकता। इस मौके पर ग्राम प्रधान एवं जनता इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य रमेश सिंह, अभिषेक सिंह, अवधेश सिंह, सुरेंद्र बहादुर, कृष्णपाल, सूर्य बहादुर सिंह, सुरेश, अरुण कुमार, शैलेंद्र प्रताप, तेज प्रताप आदि लोग मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी