श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन झूम उठे श्रोता
- श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सुनाई गई श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के बंकागढ़ गांव में चल रही 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे।
कथावाचक बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा जी ने कहा की जब जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मनुष्य इस सांसारिक माया मोह में फंस कर अपने जीवन को व्यर्थ गंवा देता है।
मनुष्य अपने मन के कुविचारों को निकाल कर परमेश्वर का ध्यान लगाता है तो वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। कथा के दौरान वासुदेव जी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना जी से होकर गोकुल ले जाने की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। भगवान श्री कृष्ण के जयकारों के साथ ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर कथा पण्डाल को भव्य तरीके से सजाया गया। गौरतलब हो कि क्षेत्र के बंकागढ़ गांव में मानव कल्याण के उद्देश्य से अशोक कुमार मिश्रा, संतोष कुमार मिश्रा, सुनील कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा द्वारा सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। शाम 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित ज्ञान गंगा रूपी श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। 9 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा जी जब श्रीमद्भागवत गीता के कंठस्थ हजारों श्लोकों को अपने मुखारविंद से बोलने लगते हैं तो श्रोता स्तम्भ रह जाते हैं।
कथा वाचन के साथ ही कान्हा जी की आर्गन पर थिरकती उंगलियों को देखकर एवं उनकी मृदुल एवं अमृतमयी वाणी से शिव तांडव स्त्रोत, भजन सुनकर श्रोता भक्ति रस में सराबोर होकर झूमने गाने लगते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि 9 मई को सात दिवसीय कथा के समापन के पश्चात 10 मई को विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर ब्राह्मण महासंस्था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मिश्रा, विजय मिश्रा, विजय बाजपेई, रविकांत अवस्थी, अमित पाठक, विनय मिश्रा,अनुज मिश्रा, अजीत मिश्रा ,विवेक मिश्रा, अनुराग मिश्रा ,शुभम मिश्रा सहित सैकड़ों की संख्या में श्वेतागण उपस्थित रहे।