अमवा के आलोक ने गोंडा के पंकज को पटकनी देखर जीता दंगल केसरी का खिताब
दंगल में नामी गिरानी पहलवानों ने दिखाए दांव पेंच
कुश्ती पहलवानों की वीरता की परिचायक है : राज दीक्षित
शिवगढ़,रायबरेली। गत वर्षो की भांति क्षेत्र के जगदीशपुर में रक्षाबन्धन के दूसरे दिन ऐतिहासिक दंगल प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया,जिसमें लखनऊ जनपद के अमवां मूर्तजापुर के आलोक ने गोंडा के पंकज को पटकनी देकर दंगल केसरी का खिताब अपने नाम कर लिया। दंगल में यूपी के कोने-कोने से आए पहलवानों ने अपने-अपने दांवपेच दिखाकर दंगल प्रेमियों का मन मोह लिया। दंगल में हुई करीब तीन दर्जन कुश्तियों में पहली कुश्ती विशाल अमवां, परमानन्द लाल बहादुर का पुरवा के बीच हुई जिसमें परमानन्द विजयी रहे। दूसरी कुश्ती नीरज और छोटू के मध्य हुई जिसमें नीरज ने जीत हांसिल की। इसके अलावा प्रमुख कुश्तियों में रायबरेली के सोनू ने लखनऊ के गोविंद को पराजित कर जीत हासिल की।
अमवां के आलोक ने लालगंज के करन सिंह को चारों खाने चितकर जीत हासिल की। गोण्डा के पंकज ने लखनऊ के बसन्त को पराजित कर जीत हासिल की, लखनऊ के रोहित ने मंझिगवां के राजेश को पटकनी देकर जीत हांसिल की। सलेथू के चंदन ने केटारी के राजू को पराजित कर जीत हासिल की। गुरबक्शगंज के छोटू यादव ने असलम नगर के सूरज को पराजित कर जीत हासिल की। अमवां के आलोक ने हरदोई के राजू को पटकनी देकर जीत हासिल की। गोंडा के पंकज ने बसन्तीपुर के बबलू को पराजित का जीत हासिल की। अमवां के आलोक गुरबक्शगंज के छोटू के मध्य हुई कांटे की टक्कर में दोनों को बराबरी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। वहीं प्रतियोगिता के अन्त में फाइनल कुश्ती अमवां के आलोक, गोण्डा के पंकज के मध्य हुई जो बड़ी ही रोमांचक रही।
यह कुश्ती तीन राउण्ड चली, 2 राउण्ड तक तो दोनों पहलवानों में कोई पहलवान एक दूसरे की पीठ नहीं लगा पाए किन्तु तीसरे राउण्ड में आलोक ने पंकज को पटकनी देकर चारों खाने चितकर दिया। इस प्रकार से अमवांं के आलोक को आयोजक कमेटी द्वारा दंगल केसरी के खिताब से नवाजा गया। प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज भैया उर्फ राज दीक्षित हरियाणा वाले द्वारा पहलवानों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। राज दीक्षित ने पहलवानों का उत्सवर्धन करते हुए कहा कि कुश्ती पहलवानों की वीरता की परिचायक है। दंगल प्रतियोगिता में रेफरी की भूमिका राजकुमार दीक्षित, यार मोहम्मद, संतराम दीक्षित ने निभाई। प्रतियोगिता का आयोजन सेवानिवृत शिक्षक राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, प्रधान प्रतिनिधि शिवकुमार यादव, पूर्व प्रधान शिवपल्टन द्विवेदी, रंजन प्रसाद श्रीवास्तव, सन्त प्रसाद शुक्ला, उमाकांत द्विवेदी, संत प्रसाद शुक्ला, संतराम दीक्षित, रविशंकर अग्निहोत्री, योगेश श्रीवास्तव, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, अंजनी अग्निहोत्री, भानु शुक्ला, दिलीप दीक्षित,राजू तिवारी आदि लोगों के समन्वित सहयोग से किया गया। इस मौके पर राकेश त्रिवेदी, अमित मिश्रा, हर्षित, विजय दीक्षित, विमल दीक्षित, अतुल श्रीवास्तव, सोनू द्विवेदी, गुदुम द्विवेदी, राजीव दीक्षित, सुशील विश्वकर्मा, संदीप यादव, रचित श्रीवास्तव सहित सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी