उन्नाव के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी का रायबरेली में बड़ा दांव इनको बना सकती है प्रत्याशी ?
LOKSABHA ELECTION 2024 : अब एकदम नजदीक माने जा रहे हैं एक-दो दिन में अधिसूचना भी जारी हो सकती है भाजपा अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है भाजपा ने अबकी बार 400 पार यूपी में 80 की 80 सीटे जीतने का दावा कर रही है वही इंडिया गठबंधन भी अपनी पूरी जोर आजमाइश करने में लगी हुई है लेकिन एक तीसरा दल बहुजन समाज पार्टी कई प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकती है हाल ही में दो बड़े ब्राह्मण चेहरों को दो जगह से लोकसभा का टिकट देकर यह बात साबित भी की है अब रायबरेली में भी बहुजन समाज पार्टी अपना बड़ा दांव खेल सकती है यहां से शेड्यूल कास्ट वोटरों पर बहुजन समाजवादी पार्टी की बड़ी नजर है क्योंकि लगभग 38% वोटर एस सी कॉस्ट से है ऐसे में उत्तर प्रदेश की इकलौती सीट जो गांधी परिवार के लिए अभी तक अजेय मानी जाती रही है उसको जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरा दमखम लगाए हुए हैं लेकिन यह 38% वोटर किसी भी दल का खेल बिगाड़ सकते हैं ऐसे में यह कहा जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी निर्णायक भूमिका में रायबरेली के लोकसभा चुनाव में दिखाई देगी लेकिन यहां पर यह बात भी मायने रखती है की गांधी परिवार से कौन चुनाव लड़ेगा और भारतीय जनता पार्टी से कौन प्रत्याशी होगा !
उन्नाव से बसपा ने चर्चित ब्राह्मण चेहरे को बनाया अपना प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशियों का चयन अपने अंतिम पड़ाव पर है उन्नाव से बहुजन समाज पार्टी ने चर्चित ब्राह्मण चेहरे वरिष्ठ पत्रकार बैसवारा ब्राह्मण एकता मंच के अध्यक्ष राकेश पांडे को अपना प्रत्याशी बनाया है वह लगातार उन्नाव के सांसद हरि साक्षी महाराज का विरोध करते रहे हैं वजह बताते हैं की कभी भी उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने ब्राह्मणों का सम्मान नहीं किया और यह दावा भी कर रहे हैं कि इस चुनाव में उनकी जीत सुनिश्चित होगी क्योंकि ब्राह्मण मतदाता उन्नाव में निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में है खास करके राकेश पांडे जिस क्षेत्र से आते हैं वह क्षेत्र भगवंत नगर विधानसभा में आता है और बैसवारा के नाम से जाना जाता है और बैसवारे में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है वह लगातार ब्राह्मण एकता के लिए काम करते रहते हैं उपनयन संस्कार पिछले तमाम वर्षों से एक सामूहिक समारोह के माध्यम से करते आ रहे हैं इसके अलावा वह खुद एक वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं उनका राजनीतिक समझ भी बहुत बेहतर है इसलिएएक नए नजरिए से देखा जा रहा है कि यहां पर अगर ब्राह्मण मतदाता अशोक पांडे के पक्ष में वोट करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरि साक्षी महाराज को भारी नुकसान हो सकता है और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी जो की कांग्रेस और समाजवादी के गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं और एक बार कांग्रेस से उन्नाव की संसद भी रह चुकी है उनको भारी फायदा मिल सकता है अगर ऐसा होता है तो दो बार से लगातार सांसद रहे हरि साक्षी महाराज को इस बार चुनाव जीतना आसान नहीं होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा की बाजी किसके पक्ष में जाती है लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है की बहुजन समाज पार्टी ने एक चर्चित ब्राह्मण चेहरे को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरि साक्षी महाराज की राह थोड़ी कठिन जरूर कर दी है.
रायबरेली से बसपा किस पर लगा सकती है दांव
LOKSABHA ELECTION 2024 एकदम अपने अंतिम पड़ाव पर उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित सीट रायबरेली को भारतीय जनता पार्टी हर हाल में जीतना चाहती है इसके लिए वह पूरा दम लगाए हुए हैं हाल ही में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता एवं मुख्य संचेतक मनोज पांडे ने राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से बगावत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अपना वोट दिया और तभी से उनके सुर भी बदले हुए हैं और वह लगातार राम मंदिर की बातें कर रहे हैं प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे हैं मुख्यमंत्री की तारीफ कर रहे हैं और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कहीं ना कहीं से भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह लगातार जिले का दौरा कर रहे हैं और गांधी परिवार की एक नेगेटिव छवि को जनता के बीच में रखने की लगातार कोशिश कर रहे हैं उन्होंने अपने आप को जिले का चिराग भी घोषित कर रखा है उनके बैनरो में पोस्टरों में हर जगह देखा जा सकता है कि मैं चिराग हूं रायबरेली का क्योंकि उनके पास एमएलसी पद के साथ-साथ जिला पंचायत का पद भी है वैसे तो जिला पंचायत की अध्यक्ष एक एस सी महिला है लेकिन सूत्रों की माने तो जिला पंचायत की पूरी बागडोर स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के पास ही रहती है इसके अलावा भी कई प्रत्याशी जोर आजमाइश करते हुए दिखाई दे रहे हैं एक प्रत्याशी तो हर विभाग हर रोड हर जगह ज्ञापन देते हुए दिखाई दे रहे हैं और जन-जन को मजबूत बनाने और विकास की गंगा बहाने की बात कर रहे हैं लेकिन यहां पर यह जानना अति आवश्यक है की जातिगत आधार पर रायबरेली का लोकसभा 2024 का चुनाव किस ओर जाता हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है ऐसे में रायबरेली की सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है और यहां पर समाजवादी पार्टी कांग्रेस के सहयोग में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी ऐसे में यादव मुस्लिम वोटर जहां पर एक तरफा कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिखाई देता है तो सामान्य वर्ग मंदिर प्रकरण राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों के कारण भाजपा की ओर दिखाई देता है अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की एस सी वोटर निर्णायक भूमिका में होगा इसी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुद्धि लाल पासी को हाल ही में अपना जिला अध्यक्ष बनाया है क्योंकि जिले में पासी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है इसी सब बातों को देखते हुए बसपा रायबरेली लोकसभा चुनाव 2024 में एस प्रत्याशी पर अपना गांव खेल सकती है और कई लोगों का खेल भी बिगड़ सकती है अगर सूत्रों की माने तो यहां पर रायबरेली से पार्टी के जिलाध्यक्ष बालकुमार गौतम को बहुजन समाज पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है क्योंकि गौतम बिरादरी के 2 लाख वोट पूरे जिले में चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं इसके साथ अन्य एस सी वोटर भी बालकुमार गौतम के पक्ष में अपना वोट दे सकते हैं क्योंकि बसपा का कैडर वोट अगर हर विधानसभा वाइज भी देखा जाए तो लगभग 20000 का है इस हिसाब से 1 लाख वोट तो कैडर वोट ही होगा ऐसे में जो भाजपा और कांग्रेस के बीच में फाइट दिख रही है उसको बसपा काफी कुछ आसान बना सकती है अभी तो फिलहाल कांग्रेस और भाजपा की तरफ से प्रत्याशी तय नहीं है यह तस्वीर एक सप्ताह के अंदर क्लियर हो जाएगी क्योंकि अगले दो-तीन दिन में अधिसूचना भी जारी हो सकती है और भाजपा और कांग्रेस की तरफ से भी प्रत्याशी तय हो जाएंगे लेकिन यह तो तय है की रायबरेली के लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा की भूमिका अति महत्वपूर्ण होने वाली है खबर राजनीतिक सूत्रों के हवाले से