पुरातत्व विभाग की संपत्ति में धन कमाने का चल रहा बरसों से खेल मजबूरन विभाग ने लिखाई रजवाड़े के विरुद्ध

रिपोर्ट – ललित मिश्रा 

बछरावां रायबरेली:  पुरातत्व विभाग की संपत्ति में तिकड़म बाजों द्वारा पूरे प्रदेश के अंदर धन कमाने का खेल खेला जा रहा है ऐसा ही एक खेल स्थानीय विकास खंड के राजा मऊ ग्राम सभा में बरसों से खेला जा रहा है ज्ञात हो कि राजा मऊ ग्राम कभी रियासत हुआ करता था और रियासत के मालिकों के पास काफी जमीनें थी परंतु जमीदारी उन्मूलन के बाद रजवाड़ों की काफी जमीन चली गई कुछ लोगों ने ट्रस्ट आदि बनाकर थोड़ी बहुत जमीन बचाने का प्रयास किया इसी बीच पुरातत्व विभाग द्वारा पूरे देश के अंदर ऐतिहासिक इमारतों को अपने कब्जे में ले लिया गया और पुरातत्व विभाग की नियमावली के अनुसार उक्त ऐतिहासिक भवन अथवा मंदिर के 100 मीटर की परिधि में अपना अधिकार घोषित कर दिया गया.

राजा मऊ कस्बे के अंदर भी एक ऐसा ही ऐतिहासिक शिव मंदिर था इसे भी पुरातत्व विभाग ने अपने अधिकार में ले लिया विभाग द्वारा इसे अधिकार में तो लिया गया परंतु कुछ लोगों के द्वारा इस 100 मीटर की परिधि के अंदर दुकानें बनवा दी गई और उनसे बराबर किराया वसूला जाने लगा ग्रामीणों की माने तो इसी 100 मीटर परिधि के अंदर एक संस्कृत विद्यालय भी संचालित होता है हो सकता है कि इस विद्यालय से भी कुछ किराया आता हो परंतु वह किराया कहां जाता है किसके पास जाता है उस पैसे का क्या होता है शायद आम आदमी को मालूम नहीं है कुछ लोगों के अनुसार मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए एक कमेटी बनाई गई है परंतु उस कमेटी में कौन-कौन से लोग हैं यह जग जाहिर नहीं है हफ्ते में 2 दिन बाजार भी लगती है और यह बाजार भी 100 मीटर की परिधि के अंदर होती है कई बार पुरातत्व विभाग द्वारा यह खेल रचने वालों के विरुद्ध स्थानीय पुलिस मैं प्रार्थना पत्र दिया गया.

दिनांक 26 अगस्त 2020 तथा 27 सितंबर 2021 को प्रार्थना पत्र दिया गया परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई ऊंची पहुंच का लाभ उठाकर लोग बचते रहे इन सभी स्थितियों को देखते हुए रजवाड़े- केही एक अधिवक्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा पुलिस महानिदेशक एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए अनुरोध किया गया पुलिस महानिदेशक के आदेश के बाद बछरावां पुलिस द्वारा पवन कुमार गुप्ता अवर संरक्षण सहायक के प्रार्थना पत्र पर भुवनेश्वर बख्श सिंह दत्तक पुत्र विशेश्वर बक्स सिंह निवासी ग्राम राजा मऊ के विरुद्ध 23 जुलाई 2022 को मुकदमा अपराध संख्या 428 बटे 22 के अंतर्गत पुरातत्व विभाग की जमीन पर हस्तक्षेप करने का मुकदमा कायम हुआ शायद यह गोरखधंधा ऐसे ही चलता रहता परंतु आम आदमी को उस समय यह खेल मालूम हुआ जब मंदिर से कुछ ही दूरी पर कुछ दुकानें बनी हुई थी जिन्हें जर्जर अवस्था होने के कारण गिरा दिया गया बकौल पूर्व प्रधान यह दुकाने पुरानी आबादी पर बनी हुई थी परंतु नियमों के तहत अधिग्रहित भवन या मंदिर पर 100 मीटर तक तो पुरातत्व विभाग का अधिपत्य होता ही है।

इसके बाद भी 200 मीटर तक किसी भी निर्माण के लिए विभाग से अनुमति लेना पड़ता है परंतु जब उक्त भूमि पर पहले से काबिज दुकानदार द्वारा नए सिरे से दुकान बनवाने का प्रयास किया गया तो भुवनेश्वर बख्श सिंह द्वारा उस जमीन को अपना बताते हुए भूमि पर कब्जा करने का प्रयास करना शुरू कर दिया गया और अधिकारियों को गुमराह कर उस स्थान पर रखी हुई 2 गुमटीओ को जेसीबी की मदद से धराशाई करवा दिया गया और रातों-रात आर्टिफिशियल दीवारों को लाकर खड़ा कर दिया गया.

दुकानदार तथा विशेश्वर बख्श सिंह के बीच यह शीत युद्ध चल ही रहा था इसी बीच पुरातत्व विभाग द्वारा दखल दिया गया और निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया गया सवाल ये उठता है कि जिस जमीन पर यह दुकानें बनी हुई थी उससे पहले भी कई दुकानें बनी हुई हैं यह दुकान में मंदिर की है या नहीं यह जांच का विषय है और यह दुकाने मंदिर की सीमा के अंतर्गत आती हैं तो इनसे आने वाला किराया क्या विभाग के पास जमा किया जाता है या नहीं क्या पुरातत्व विभाग द्वारा अपना कोई रिसीवर यहां नियुक्त किया गया है या नहीं यह बहुत से ऐसे यक्ष प्रश्न है जिनके जवाब ढूंढे जाने की आवश्यकता है.

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