जनपद की 98 आशा संगिनी हुईं प्रशिक्षित, बढ़ेगी काम की रफ्तार

– अब क्लस्टर बैठक कर आशा कार्यकर्ताओं को देंगी प्रशिक्षण
– ग्रामीण अंचल में कार्य करने के दौरान आने वाली समस्या का होगा समाधान 

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा 

बुलंदशहर। जनपद में तैनात आशा कार्यकर्ताओं को फील्ड में आने वाली समस्याओं का समाधान करने एवं उनकी क्षमतावर्धन करने के लिए जिला अस्पताल सभागार में आशा संगिनी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिला अस्पताल सभागार में तीन दिन चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आशा संगिनी को बताया गया कि क्लस्टर बैठक में वह किस तरह मुख्य स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विषयों पर आशा कार्यकर्ताओं का नियमित क्षमतावर्धन कर उनके ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाएंगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव ने बताया- आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग और लोगों के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है। स्वास्थ्य विभाग की हर योजना और कार्यक्रम लोगों के बीच सही तरीके से पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को इसका ज्ञान होना जरूरी है। फील्ड में आने वाली दिक्कतों को आशा कार्यकर्ता कैसे सुलझाएंगी, इसका प्रशिक्षण आशा संगिनी उनको देंगी। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्षमतावर्धन के लिए आशा संगिनियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। क्लस्टर बैठक में पीयर लर्निंग के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओँ को अपने क्षेत्र की समसस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाने की नई जिम्मेदारी आशा संगिनी को दी गयी है।
जनपद में अब तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में 98 आशा संगिनियों और 15 ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) जिला कार्यक्रम प्रबंधक और जिला समुदाय विशेषज्ञ ने प्रशिक्षण दिया।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक हरि प्रसाद ने बताया क्लस्टर बैठक में प्रतिमाह आयोजित किये जाने वाले सत्र का निर्धारण शासन स्तर पर कर दिया गया है। अब प्रदेश भर में एक तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
उन्होंने बताया- अप्रैल में डायरिया से बचाव एवं उपचार, मई में केवल स्तनपान, कम वजन के बच्चे का प्रबंधन, जून में जन्म योजना बनवाना, संस्थागत प्रसव एवं परिवार नियोजन, जुलाई में नवजात में खतरे के लक्षणों की पहचान एवं संदर्भन, अगस्त में गर्भवती का जल्द पंजीकरण एवं वीएचआईआर अपडेशन, सितम्बर में गर्भवती की प्रसव पूर्व देखभाल एवं आयरन टेबलेट सेवन, अक्टूबर में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला की पहचान, प्रीटर्म लेबर की पहचान एवं संदर्भन, प्रसव पश्चात महिला में खतरे के लक्षणों की पहचान, नवम्बर में टीकाकरण एवं ग्राम्य स्वास्थ्य पोषण दिवस की सेवाओं की गुणवत्ता, दिसम्बर में नवजात शिशु की देखभाल,जनवरी में निमोनिया, बचाव एवं उपचार, फरवरी में गैर संचारी रोग, मार्च में वीएचएसएनसी पर फोकस रहेगा। आशा कार्यकर्ता घर—घर जाकर इन्हीं विषयों पर जानकारी देंगी। यह सभी जानकारी लोगों को किस प्रकार देनी है इस बारे में आशा संगिनी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगी।

एचबीएनसी के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके सिंह ने बताया गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) माड्यूल छह व सात के तीसरे चरण का प्रशिक्षण आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं को बताया गया कि वह किस तरह गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल के बारे में धात्री माताओं को बताएंगी। बच्चों के बुखार, एनिमियां, कुपोषण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिये आशा कार्यकर्ताओं को यह भी बताया गया। आशा संगिनी को सोमवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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