लेखनशाला की प्रथम वर्षगांठ पर रायबरेली में भव्य साहित्यिक समारोह

रायबरेली, 13 जुलाई 2025 : साहित्यिक रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाली संस्था लेखनशाला ने रविवार को रायबरेली के प्रभु टाउन स्थित राइजिंग चाइल्ड स्कूल में अपनी प्रथम वर्षगांठ बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाई।

कार्यक्रम का शीर्षक था — “एक साल की सफलता, एक यादगार जश्न”, जिसमें रायबरेली सहित कई जनपदों व प्रदेशों से पधारे साहित्य प्रेमियों, लेखकों एवं विद्वानों ने भाग लेकर आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

🎤 गौरवशाली उपस्थिति:

इस अवसर पर मंच पर उपस्थित रहे प्रमुख मुख्य अतिथियों में शामिल थे —

वरिष्ठ साहित्यकार आरती जायसवाल, डाॅ. पुष्पा श्रीवास्तव शैली,  डाॅ. कल्पना अवस्थी, प्रख्यात साहित्यकार डाॅ. संतलाल, डाॅ. अशोक गौतम, संतोष विश्वकर्मा, अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, आकाशवाणी से जुड़े RJ अंकुर तिवारी, कवि अकबर, ज़मीर रायबरेलवी, भारत मौर्य, गोविंद ग़ज़ब, इंद्रेश भदौरिया, शिव बहादुर ‘दिलबर’, हरिंगेंद्र सिंह, सूरज सिंह, अंशुमान सिंह, सौरभ सिंह, अजय सिंह सहित अनेक गणमान्य साहित्यप्रेमी।

🧑‍🎓 विशेष उपस्थिति में रहे:

कार्यक्रम में जिन रचनाशील युवाओं और प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई, उनमें शामिल रहे —

उमारमन, सचिन यादव, सचिन अवस्थी, उत्कर्ष श्रीवास, देवेंद्र, परमहंस मौर्या, आंचल मौर्या, अनुज मौर्या, सुमित यादव, अमित।

🗣️ संस्थापक का उद्बोधन:

संस्था के संस्थापक अभय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा —

> “लेखनशाला केवल एक पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक साहित्यिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य उन लोगों तक पहुँचना है जो लिखना चाहते हैं, पढ़ना चाहते हैं, लेकिन उनके पास मंच नहीं है। हम हर रचनाकार को मंच देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

📝 संयोजक और आयोजन की रूपरेखा:

संयोजक प्रदीप प्यारे ने लेखनशाला की आगामी योजनाओं और नवोदित लेखकों के लिए प्रस्तावित गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन किया RJ अंकुर तिवारी ने, जिनकी प्रस्तुत शैली ने दर्शकों को पूरे समय बाँधे रखा।

📖 लेखनशाला की विशेषताएँ:

नवोदित एवं वरिष्ठ लेखकों के लिए समान अवसर

कविता, कहानी, ग़ज़ल, लेख, विचार, समीक्षा सहित सभी विधाओं में प्रकाशन

डिजिटल व प्रिंट माध्यमों पर सक्रिय उपस्थिति

भारत सरकार से पंजीकृत साहित्यिक संस्था

🌟 समापन विचार:

कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि साहित्य आज भी समाज का दर्पण है, और लेखनशाला जैसे मंच युवाओं और अनुभवी साहित्यकारों को एक साथ जोड़कर साहित्य की लौ को प्रज्वलित रखे हुए हैं।

कार्यक्रम के अंत में लेखनशाला परिवार की ओर से सभी सम्माननीय अतिथियों, सहभागी रचनाकारों और साहित्य प्रेमियों का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।

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