इओ नगर पालिका व अध्यक्ष नगर पालिका के बीच में घमासान जनता हो रही परेशान
श्री डेस्क/ रायबरेली : रायबरेली नगर पालिका अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर तथा इओ नगर पालिका रायबरेली के बीच आए दिन घमासान देखने को मिल रही है इस घमासान के बीच रायबरेली शहर तथा शहर से जुड़े नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले तमाम गांव सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हैं जब इस बारे में नगर पालिका के अधिशासी अभियंता स्वर्ण सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम तो काम करना चाहते हैं लेकिन अध्यक्ष नगर पालिका कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं केवल आरोप प्रत्यारोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे हैं वहीं नगर पालिका अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर का कहना है की नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रहे हैं इसीलिए वह कोई सहयोग नहीं करना चाहते हैं वह चाहते हैं की जनता के बीच में यह संदेश जाए की नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस का है इसी वजह से कोई काम नहीं हो रहा है जबकि सच्चाई यह है कि हम सभी लोग शहर को पूरी तरीके से विकसित करना चाहते हैं लेकिन अधिकारी कोई भी सहयोग नहीं करते हैं उनका कहना है कि जिला अधिकारी भी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है वह भी पूरी तरीके से सत्ता के दबाव में काम कर रही है
आपको बता दें की रायबरेली के नगर पालिका अध्यक्ष शत्रुघ्न सोनकर पिछले दिनों नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह के ऊपर आरोप लगा चुके हैं कि वह कोई भी सहयोग नहीं कर रहे हैं विकास कार्यों में अड़चन पैदा कर रहे हैं इन्हीं समस्याओं को लेकर जब वह जिलाधिकारी हर्षिता माथुर से मिलने पहुंचे तो हर्षिता माथुर ने उनसे मिलने के लिए समय नहीं दिया और यह कह दिया की हमारे समक्ष अधिकारी से मिलकर अपनी समस्या के बारे में बता दीजिए हम समस्या को देख लेंगे शत्रुघ्न सोनकर का कहना है की जनता के द्वारा चुनकर आए हुए जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसी को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष धरने पर भी बैठ चुके हैं
उधर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है की अध्यक्ष बिना मतलब का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम उनके चहेते लोगों को ही काम दे सकें लेकिन हमें शासन को जवाब देना है काम को गुणवत्ता पूर्वक करने के लिए हमें जिन नियम कानून का पालन करना पड़ेगा वह करेंगे और शहर को विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास भी करेंगे यह तो आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर थोपी जा रहे हैं लेकिन इसमें पीस बेचारी जनता रही है क्योंकि अगर शहर की स्थिति को देखा जाए तो पूरे शहर को गढ्ढो में तब्दील कर दिया गया है अमृत योजना के नाम पर पिछले कई सालों से शहर के अंदर सीवर लाइन का काम किया जा रहा है और जब बरसात आई है तब मुहल्लों के अंदर के मार्गो को उखाड़ कर उसमें पाइप डाल दिए जाते हैं और उसके बाद उसकी कोई मरम्मत तक नहीं की जाती थोड़ी सी बारिश होने पर उन सीवर लाइन की नालियों में पानी भरा रहता है गंदगी का अंबार रहता है किसी भी समय किसी दुर्घटना की आशंका रहती है लेकिन इन राजनीतिक और अधिकारियों के ऊपर कोई असर नहीं दिखता केवल एक दूसरे के ऊपर आरोप लगाना ही वह अपना कार्य मानते हैं अगर सभासद से कोई अपनी बात कहता है तो वह कहते हैं अध्यक्ष मेरी बात नहीं सुनते अध्यक्ष से जब बात जनता करने की कोशिश करती है तो उनका जवाब होता है अधिकारी हमारी बात नहीं सुनते और जब अधिकारियों से बात की जाती है तो अधिकारियों का एक ही जवाब होता है की नगर पालिका अध्यक्ष शहर के विकास में कोई सहयोग नहीं करना चाहते हैं किरकिरी तो सरकार की हो रही है आखिर वी आई पी शहर का नाम लेकर राजनीतिक रोटियां तो सेकी जाती हैं लेकिन वीआईपी जैसी कोई सुविधा शहर को मिले यह तो एक स्वप्न है रायबरेली शहर के हालत बहुत ही खराब है इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है आखिर अधिकारियों और राजनीतिक खेमों में बटी इन पार्टियों के लोग जो विभिन्न विभिन्न पदों पर सत्ता और विपक्ष में बैठे हैं क्या वह केवल वोट के लिए ही जनता का इस्तेमाल करेंगे की कभी जनता के दुख दर्द में भी शामिल होने की कोशिश करेंगे जनता की समस्याओं से इन लोगों का कभी कोई वास्ता ही नहीं रहता है अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जनता इनको दुत्कारेगी और जनता के पास किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे अगर समय रहते आपसी सामंजस्य बिठाकर विकास कार्यों को गति नही दी गई तो जनता आंदोलन के लिए मजबूर होगी क्योंकि जनता को यह अधिकार है कि वह अपने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से इसका जवाब मांगे कि इसमें उस बेचारी जनता का क्या दोष है जिसको किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल रही है वैसे रायबरेली के सांसद विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं सत्ता पक्ष के मंत्री हैं सदर विधायक सत्ता पक्ष की हैं उन सब को इस समस्या को समझना होगा और जनता के सुख-दुख में अपना सहयोग ही करना होगा