अमृत सरोवरों में उड़ रही धूल,प्यास से व्याकुल पशुपक्षी।

अमृत सरोवरों में उड़ रही धूल,प्यास से व्याकुल पशुपक्षी।

नसीराबाद,राय बरेली : भीषण गर्मी जानलेवा होती जा रही है, बेसहारा पशु-पक्षी प्यासे मर रहे हैं और अधिकारी एसी, कूलर में कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। ग्राम पंचायत, ब्लॉक, तहसील, जिला सभी स्तर के जिम्मेदार अधिकारी शायद किसी और दुनियां में खोए हुए हैं।अमृत सरोवर को सिर्फ कमाई का जरिया मान लिया गया है। लूट खसोट में भागीदारी के बाद किसी को यह भी याद नहीं कि इन तालाबों में पानी भी होना चाहिए। इस ओर न तो अधिकारियों, कर्मचारियों का ध्यान है, न जन प्रतिनिधियों का।

लोक कल्याण के बड़े-बड़े दावे करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं का भी कहीं अता-पता नहीं है।अधोमानक पक्की नाली, पानी की टंकी, कूड़ा घर और पंचायत भवन का निर्माण करवाने और नालों, तालाबों की सफाई के नाम पर बजट का बन्दर बांट करने वाले प्रधानों और पंचायत सचिवों को निरीह जीव जंतुओं के लिए तालाबों में पानी भरवाने की भी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।ब्लॉक छतोह की 44 ग्राम पंचायतो में से केवल नसीराबाद देहात की ग्राम प्रधान ने जानवरों के लिए तालाब में पानी भरवाया है।खंड विकास अधिकारी वीरेंद्र प्रताप वर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत को खाता नंबर एक से आवश्यकतानुसार तालाबों में पानी भरवाना चाहिए।

उच्च अधिकारियों से कोई लिखित आदेश इस संबंध में प्राप्त नहीं हुआ है और ऐसे कामों के लिए किसी आदेश की आवश्यकता भी नहीं है।प्रभारी सहायक विकास अधिकारी पंचायत नागेश कुमार ने बताया कि लिखित आदेश तो नहीं प्राप्त हुआ है लेकिन ग्राम पंचायत को अपने स्तर से यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए और इसके लिए बजट भी होता है। सभी ग्राम पंचायत सचिवों को इसके लिए लिखित निर्देश जारी किया जा रहा है।

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