बड़े बाबा का 2 दिवसीय ऐतिहासिक मेला एवं विशाल भण्डारा सम्पन्न
- बाबा के भण्ड़ारे हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
अंगद राही /(रायबरेली) शिवगढ़ क्षेत्र के जयचन्दपुर मजरे बैंती में भवानीगढ़- सूरजपुर सम्पर्क मार्ग पर स्थित बड़े बाबा के प्राचीन कालीन मंदिर में गत वर्षो की भांति बसन्त पंचमी के पावन अवसर पर आयोजित 2 दिवसीय ऐतिहासिक मेले एवं विशाल भण्डारे का भव्य आयोजन किया गया। मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ देखते नहीं बन रही थी। वहीं भण्डारे में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर मनोकामनाएं मांगी। विदित हो कि क्षेत्र के जयचन्दपुर में बड़े बाबा का सैकड़ों वर्ष पुराना प्राचीन कालीन मंदिर स्थित है। जहां करीब 300 वर्षों से प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के पावन अवसर पर बड़े बाबा का 2 दिवसीय मेला लगता चला रहा है। मेले के दूसरे दिन मेला कमेटी द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है जिसमें क्षेत्र ही नहीं दूरदराज से आने वाले हजारों श्रद्धालु प्रसाद छककर मनोकामनाएं मांगते हैं।
मान्यता है कि बड़े बाबा के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि जिले के साथ-साथ गैर जनपदों से आकर श्रद्धालु बाबा के मंदिर में माथा टेककर मनोकामनाएं मांगते हैं,श्रद्धालु भले ही खाली हाथ आते हो किंतु खाली हाथ कभी वापस नहीं जाते। इस अवसर पर मेला कमेटी के बाबा जागेश्वर, भवानीदीन, मैकू लाल,रामचन्दर, गंगा प्रसाद रावत, जमुना प्रसाद, श्रवण कुमार, मनोज कुमार, रामखेलावन,रामदेव, हुबलाल, प्रदीप कुमार, गुरुदीन,रामआसरे,विजय यादव,हरी तिवारी सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
त्रिकूट धाम बन गया बाबा का आश्रम
बताते चलें कि पहले बाबा का इकलौता मन्दिर था किंतु बाबा के प्रति बढ़ती आस्था और विश्वास के चलते मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं ने संकट मोचन मंदिर एवं शिव मंदिर का निर्माण करा दिया गया है। जिसके चलते अब बड़े बाबा का आश्रम त्रिकूट धाम बन गया है। जहां सप्ताह के सातों दिन श्रद्धालुओं का ताता लगता है। बसंत पंचमी के दिन तो दर्जनों श्रद्धालु दूरदराज से परिक्रमा करते हुए बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। बाबा का आश्रम लोगों की आस्था विश्वास का जीता जागता प्रमाण बन गया है।