विधिक सेवा शिविर का हुआ आयोजन

रायबरेली : अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश, रायबरेली तरुण सक्सेना के दिशा-निर्देशन में कौशल विकास संस्थान, आई0टी0आई0 रायबरेली में विधिक सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली उमाशंकर कहार के द्वारा की गयी।
इस अवसर पर अपर जिला जज/सचिव द्वारा बताया गया कि सेवा मानवता का मूल है। श्रम अधिनियम या श्रम कानून किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को कहते है जो श्रमिक (कार्मिकों) रोजगार प्रदाताओं, ट्रेड यूनियनों तथा सरकार के बीच सम्बन्धों को पारिभाषित करती है। श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते है। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान, सामाजिक विधान की एक अलग श्रेणी में आते है।

इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि श्रम कानूनों का अभिप्राय कानून के उस खंड से होता है, जो रोजगार, पारिश्रमिक, कार्य की शर्तों, श्रम संघों  और औद्योगिक संबन्धों जैसे मामलों पर लागू होते है। इसके अतिरिक्त छात्रों को श्रम कानून के अन्तर्गत कारखाना अधिनियम 1948 औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 भारतीय श्रम संघ अधिनियम 1926, न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, खदान अधिनियम 1952 मातृत्व लाभ अधिनियम 1961, द एम्पलाइज कंपनसेशन एक्ट तथा द सेक्सुअल हैंरेसमेंट आफ वीमेन एट वर्कप्लेस एक्ट 2013 के बारे में तथा संविधान के अन्तर्गत मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्यों के  बारे में विस्तार से जानकारी  दी गयी कार्यक्रम में ए0एम0 त्रिपाठी मुख्य कार्यकारी  अधिकारी, संजय वर्मा मुख्य प्रबन्धक तथा चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिंल राजकुमार सिंह के द्वारा भी अपने विचार रखे गये। उक्त शिविर में पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव, खुशबू भारती व मनोज कुमार प्रजापति उपस्थित रहे।

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