सड़क हादसे में युवक की दर्दनाक मौत परिजनों में मचा कोहराम
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के पासिन पलिया गांव के रहने वाले युवक की सड़क हादसे में घटनास्थल पर दर्दनाक मौत हो गई। जिसकी मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया, युवक की मौत से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र के पासिन पलिया गांव के रहने वाले 30 वर्षीय नीरज कुमार पुत्र स्वर्गीय रामसुमिरन मंगलवार को दोपहर बाद बाइक से लखनऊ जनपद के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र अन्तर्गत कूढ़ा गांव स्थित अपनी ससुराल 5 वर्षीय छोटे बेटे शिवम को छोड़ने गए थे जहां से वापस लौट रहे थे तभी नगराम थाना क्षेत्र अन्तर्गत समेसी रोड पर कमालपुर विचालिका के पास उसकी और दूसरी मोटरसाइकिल की आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई। जिसमें नीरज कुमार की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हालांकि हादसे के बाद दोनों बाइक सवारों को राहगीरों की मदद से आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनलालगंज पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने नीरज कुमार को मृत घोषित कर दिया।
नीरज की मौत से पत्नी की मांग हुई सूनी, बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया
सड़क हादसे में नीरज कुमार की मौत होने से उसकी पत्नी निशा की जहां मांग सूनी हो गई है वहीं उसके 3 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। युवक की मौत से पत्नी निशा, बड़े बेटे सनी उम्र 10 वर्ष, शिवम उम्र 5 वर्ष, बेटी नेहा उम्र 7 वर्ष, मां सुमित्रा देवी, छोटे भाई कौशल किशोर का रो-रोकर बुरा हाल है।
उसे क्या पता था रास्ते में मौत उसका इन्तजार कर रही है
बताते हैं नीरज कुमार जब मंगलवार को अपने छोटे बेटे शिवम को उसकी नानी के यहां छोड़कर लौटने लगे तो ससुराल वालों ने उसे रोकने का प्रयास भी किया और बोले शाम हो गई है कल चले जाना किन्तु खेती-बाड़ी एवं मेहनत मजदूरी के चलते नीरज कुमार ससुराल में नही रुका जो बाइक से वापस घर लौट रहा था तभी रास्ते में कमालपुर विचलिका के पास वह सड़क हादसे का शिकार होकर असमय काल के गाल में समा गया। हादसे की सूचना पाकर सभी यही कह रहे थे कि होनी को कोई टाल नहीं सकता।
नीरज कुमार की मौत से पत्नी निशा पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
नीरज कुमार की मौत से पत्नी निशा पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक नीरज कुमार खेती-बाड़ी करने के साथ ही मेहनत मजदूरी करके किसी तरह परिवार की जीविका चलाता था। नीरज की मौत के बाद पत्नी निशा पर बच्चों की परवरिश की पूरी जिम्मेदारी आ गई है। पति का शव देखकर निशा बेसुध हो गई होश आने पर फफक-फफक कर यही कह रही थी कि कैसे वह बच्चों का पालन पोषण करेगी, कैसे उन्हें पढ़ाएगी लिखाएगी और कैसे परिवार की जीविका चलाएगी।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी