सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान में मिले 76 नये मरीज
रिपोर्ट उपेंद्र शर्मा
- 20 फरवरी से पांच मार्च तक जनपद में चला अभियान
- प्रथम चरण में पांच मरीज, दूसरे में 71 लोगों में टीबी की पुष्टि
बुलंदशहर, 13 मार्च 2023। जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के मरीजों को खोजने के लिए 20 फरवरी से पांच मार्च तक सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर- घर जाकर लक्षण के आधार पर 11253 संभावित टीबी मरीजों के सैंपल लिए, जिसमें 76 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई । अभियान में दौरान मिले मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. हेमंत रस्तोगी ने बताया- जनपद में दो चरण में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया गया, जिसमें 20 से 23 फरवरी तक जनपद के वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, मदरसों, कारागार आदि में अभियान चलाया गया। पहले चरण के अभियान में पांच मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई, जबकि जांच के 71 लोगों के नमूने लिए थे। इसके बाद 24 फरवरी से पांच मार्च तक घर-घर जाकर सक्रिय क्षय रोगी खोजे गये। इसमें पांच मार्च तक 71 नये मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है। जनपद में चलाए गए अभियान में 186 टीम के 546 सदस्यों ने घर-घर जाकर क्षय रोगी खोजने के लिए स्क्रीनिंग की।
डीटीओ डा. रस्तोगी ने बताया- दूसरे चरण (24 फरवरी से पांच मार्च तक) में करीब 8.5 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। टीबी से मिलते-जुलते लक्षण वाले 11253 लोगों के बलगम सैंपल लिये गये और जांच में 71 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। पहले चरण में 3.19 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हुई, 415 सैंपल लिये गये, जिसमें पांच लोग टीबी के मरीज पाये गये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया टीबी के हर मरीज की पहचान होना जरूरी है। यदि लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी, खांसी के साथ खून का आना, छाती में दर्द और सांस का फूलना, वजन कम होना और ज्यादा थकान महसूस करना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना जैसे लक्षण हैं तो अपनी जांच अवश्य करवाएं। टीबी को छिपाएं नहीं तुरंत जांच कराकर उपचार कराएं। उपचार शुरू होने के करीब एक महीने के भीतर दूसरे को संक्रमण फैलने की संभावना न के बराबर रहती है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक योगेश कुमार ने बताया- जनपद में चलाये गए सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान के तहत 76 मरीज मिले हैं। सभी मरीजों का ब्योरा निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर उपचार शुरू कराया गया है। जनपद के सरकारी अस्पतालों में टीबी मरीजों की जांच व उपचार का प्रावधान है।