कोटवा प्रधान पति अनिल यादव ने दिया एकजुटता एवं भाईचारे का संदेश
रिपोर्ट- अंगद राही
- कोटवा में आज भी ग्रामीण हिलमिल पारम्परिक ढंग से मनाते हैं होली का त्यौहार
शिवगढ़,रायबरेली। भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को एक साथ लेकर चलने वाला देश है। यहां हर मौसम में विविध त्यौहार आते हैं जो मिलने-मिलाने का बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। हर साल ऋतुराज वसंत अपने साथ देश का सबसे रंगीन त्यौहार “होली” लेकर आता है। जो भारत का एक बेहद लोकप्रिय त्यौहार है। होली में गाये जाने वाले फगुआ गीतों का अपना विशेष पौराणिक महत्व है।
होली में एक दूसरे के ऊपर रंग-बिरंगे रंग और गुलाल डालने की पौराणिक परम्परा है। होली का त्यौहार सभी भेदभाव को ख़त्म करके सबको एकजुटता के रंग में रंगने का काम करता है। आज के आधुनिक सामाज़ में भले ही होली रंगों के साथ शोर-शराबे तक सिमट कर रह गयी हों। लेकिन अभी भी शिवगढ़ क्षेत्र के कोटवा,जगदीशपुर,बैंती,देहली, तरौंजा में फगुआ गीत गाने की परंपरा कायम है।
बिन फगुआ होली अधूरी सी ही लगती है। ढोलक की थाप और मंजीरों की आवाज़ के बीच फगुआ गीतों के बोल को सुनकर हर व्यक्ति फागुन के रंग में रचबस जाता है। जोगीरा सारारारा….. जैसे फगुआ गीतों का रस कान और हृदय में अमृत की भांति महसूस होता है। इस धरोहर का सम्मान हर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है।
शिवगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोटवा स्थित शीतला माता के मन्दिर में बुद्धिजियों द्वारा फगुआ गीत, धंवारी गाने की परम्परा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। यहां ऋतुराज बसंत आते ही फगुवा गीत लोगों अंतर्मन को गुदगुदाने गलते हैं।
हर साल की तरह होली में शीतला माता के मन्दिर में डोलक की थाप और मंजीरे की धुन पर फगुवा गीत शुरु हुए तो कोटवा,खुशिहालगंज,नटई, जगदीशपुर सहित गांवों के ग्रामीणों ने शीतला माता के मन्दिर प्रांगण में पहुंचकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।
ग्राम प्रधान ललिता यादव के पति प्रधान प्रतिनिधि अनिल यादव ने सभी को अमीर-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं एवं एक जुटता,आपसी सौहार्द, भाईचारे का संदेश दिया। इस दौरान कई लोग फगुवा गीतों को सुनकर मदमस्त होकर थिरकने लगे।
प्रधान ललिता यादव ने ग्रामीणों के साथ ही क्षेत्र के सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहाकि होली का त्यौहार हमें संदेश देता है कि जिस प्रकार सभी रंग आपस में घुल मिल जाते हैं उसी प्रकार हम सभी गिले-शिकवे आपसी भेदभाव मिटाकर आपस में हिलमिल कर रहे हैं।
इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, पूर्व जगदीशपुर प्रधान शिवपल्टन द्विवेदी,अवधेश सिंह, जगदीश प्रसाद,ओमनरायण मिश्रा,प्रेमनरायण मिश्रा,संतशरण यादव,रामनरेश यादव,सतेन्द्र सिंह, अजय सिंह, धर्मेंद्र यादव,वीरेन्द्र यादव,अंशुमान सिंह, आशू,संदीप यादव,बाबूलाल,भीखारीलाल, आशीष रावत,राजू द्विवेदी, गुरु लोधी,जगदीश लोधी,मंशाराम,बनिया काका,धुन्नी दादा,अजय सिंह सहित भारी तादात में ग्रामीण उपस्थित रहे।