अधिक उत्पादन के लिए करें नैनो यूरिया तरल का प्रयोग : डा. विनोद कुमार सिंह
रिपोर्ट अंगद राही
- खजुरों कृषि वानिकी समिति में नैनो यूरिया पर आधारित कृषक जागरूकता गोष्ठी सम्पन्न
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के रुस्तमगंज मजरे खजुरों स्थित खजुरों कृषि वानिकी सहकारी समिति लिमिटेड में समिति के अध्यक्ष तुलसीराम यादव की अध्यक्षता में नैनो यूरिया ‘तरल’ पर आधारित कृषक जागरूकता गोष्ठी सम्पन्न हुई। जिसमें किसान भाइयों को इफको नैनो यूरिया एवं इफको उत्पाद सागरिका, मोनो अमोनियम फास्फेट, कंसोटिया की विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए इनके लाभ बताए गए।

इफको के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कृषक गोष्ठी में किसान भाइयों को संबोधित करते हुए बताया कि इफको नैनो यूरिया तरल नैनो तकनीक पर आधारित एक अनोखा उर्वरक है जो विश्व में पहली बार इफको द्वारा विकसित किया गया है। तथा भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है। फसल की क्रांतिक अवस्थाओं पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है जिससे उत्पादन और उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
अधिक उत्पादन के लिए नैनो यूरिया का प्रयोग करें। आईएफएफडीसी आलोक प्रताप सिंह ने किसान भाइयों को संबोधित करते हुए बताया कि दानेदार यूरिया की अपेक्षा नैनो तरल यूरिया ज्यादा कारगर है। इसके प्रयोग से उत्पादन में वृद्धि के साथ ही यूरिया या अन्य नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों की मात्रा में कटौती की जा सकती हैं।
इसका प्रयोग सभी फसलों में किया जा सकता है। एसएफए चंद्रमणिकान्त ने बताया कि नैनो यूरिया पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही टिकाऊ खेती के लिए उपयोगी है। इसके प्रयोग से मिट्टी हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।
खजुरों कृषि वानिकी सहकारी समिति के सचिव दिलीप मिश्रा ने नैनो यूरिया के प्रयोग की जानकारी देते हुए बताया कि फसल में पहली बार नाइट्रोजन की आधी मात्रा दानेदार यूरिया से तथा आधी मात्रा नैनो यूरिया तरल से पूर्ति करें। दूसरी बार में सिर्फ नैनो यूरिया का ही प्रयोग करें। नाइट्रोजन कि कम आवश्यकता वाली फसलों में 2 मिली एवं अधिक आवश्यकता वाली फसलों में 4 मिली नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी में घोलकर पत्तियों का छिड़काव करें जिससे अच्छा लाभ मिलेगा।
गोष्ठी में उपस्थित पूर्व गूढ़ा प्रधान रामहेत रावत,कृषक संतलाल और राजनारायण ने बताया कि गेहूं की फसल में उन्होंने नैनो यूरिया का प्रयोग किया है जिसका काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिला है, नैनो यूरिया तरल दानेदार यूरिया की अपेक्षा अधिक कारगर और सुविधाजनक है।
सचिव सुधीर कुमार तिवारी द्वारा इफको के अन्य उत्पाद सागरिका, मोनू अमोनियम फास्फेट, कंसोटिया की विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि मदन चौधरी, राजेंद्र द्विवेदी, रामबाबू चौधरी,धुन्नर, रामहर्ष, राज नारायण, रामबाबू चौधरी, उपाध्यक्ष राजाराम, रामकिशोर, वन्दना देवी, रेखा देवी, अनीता सुशीला के साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रही।











