Delhi: जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज के लिए लगाई रोक, ये है पूरा मामला
जहांगीरपुरी के दंगा वाले इलाके कुशल चौक पर एमसीडी की ओर से दंगाइयों के अवैध कब्जों को बुलडोजर से हटाने की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोकने का आदेश दिया है। इस मामले में एक अर्जी कोर्ट में दाखिल हुई थी। कोर्ट इस मामले में कल सुनवाई के बाद अंतिम आदेश जारी करेगा।
फिलहाल कोर्ट ने आज तुरंत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि यथास्थिति बनाए रखी जाए। एमसीडी ने इस इलाके में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 9 बुलडोजर लगाए थे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट का मौखिक आदेश आने के बाद भी जहांगीरपुरी में काफी देर तक कार्रवाई जारी रहने के बाद अर्जी दाखिल करने वालों ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस को कानूनी नोटिस भेजा है।
दिल्ली नगर निगम MCD ने इससे पहले बीते कल दिल्ली पुलिस से जहांगीरपुरी इलाके में बड़ी तादाद में फोर्स तैनात करने के लिए चिट्ठी भेजी थी। एमसीडी ने कहा था कि जहांगीरपुरी में अवैध कब्जे हैं और उन्हें 20 और 21 अप्रैल को हटाया जाना है। इसके लिए महिला कॉन्स्टेबल समेत कम से कम 400 जवानों को सुरक्षा के लिए तैनात करने की अपेक्षा की गई थी।
हनुमान जयंती के मौके पर जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी
इसके बाद ही दिल्ली पुलिस ने अपने जवानों और केंद्रीय बलों के साथ तड़के से ही जहांगीरपुरी को छावनी बना दिया था। कार्रवाई खासतौर पर उस जगह की जा रही है, जहां 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी।
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी बुलडोजर से इस तरह के अवैध निर्माण हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। जमीयत के चीफ मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि बुलडोजर की सियासत से अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
बता दें कि सबसे पहले दंगाइयों, माफिया और गुंडों की अवैध कब्जे वाली संपत्ति के खिलाफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर चलवाना शुरू किया था। बीते दिनों मध्यप्रदेश के खरगोन में हिंसा के बाद शिवराज सिंह की सरकार ने भी बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जे गिराए थे। वहीं, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने हलद्वानी में अवैध दुकानों को बुलडोजर चलाकर गिराया था।