श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन सुनाई गई गोवर्धन पर्वत की कथा
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ कस्बे के श्रीराम जानकी मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन बाल व्यास वेदव्यास महराज ने देवराज इंद्र के कोप और गोवर्धन पर्वत की महत्ता बताते हुए गोवर्धन की पूजा सम्पन्न करवाई। उन्होंने अपनी अमृतमयी वाणी से कथा का रसपान करते हुए कहा एक समय देवराज इंद्र ब्रज पर कुपित हो गए और मुसलाधार बारिश करनी शुरु कर दी।
मूसलाधार बारिश से त्रस्त ब्रजवासी कुछ समझ पाते कि बाल लीला करते श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और कहा सभी इसके नीचे सुरक्षित हो जाओ आखिरकार कई दिनो तक ब्रज पर वर्षा कर थक चुके इंद्र भी श्री कृष्ण की शरण में आ गए। तब से आज तक गोवर्धन की पूजा सब जगह की जाने लगी। इस मौके पर बल्लू पंडित, राम प्रकाश अवस्थी, नंग हलवाई , अवनीश अवस्थी , शिवदेवी, कपिल गुप्ता, संतोष कुमारी ,वंदना ,अंकिता वर्मा, श्रुति पांडे, सत्यभामा, हिमांशी ,बिट्टू शुक्ला आदि मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी