रायबरेली के इन 5 मंदिरों में पूजा करने से बन सकते है बिगड़े काम! अद्भुत मान्यता हैं ,2025 के पहले दिन ही करें पूजा |
रायबरेली न्यूज़ : हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक हैं. आइए जानते हैं रायबरेली के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद से की जा सकती है
रायबरेली जिले में प्रवेश करने से पहले लखनऊ-इलाहाबाद राजमार्ग पर 2 जिलों की सीमाओं के मध्य स्थित है पीपलेश्वर (चुरुवा) हनुमान मंदिर. रायबरेली आने वाले किसी भी राजनेता और अभिनेता के लिए यह मंदिर पहला पड़ाव होता है. या यूं कहें कि यह जिले की सीमा का प्रवेश द्वार है. जहां पर मत्था टेकने के बाद ही वह जिले में प्रवेश करते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा लकड़ी की बनी हुई है.
रायबरेली जिले में जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ और उन्नाव की सीमा पर स्थित एक ऐसा मंदिर है, जो अपने में कई रहस्य समेटे हुए है. लोगों का मानना है कि यहां पर सच्चे मन से मानी गई मनोकामना भगवान शिव अवश्य पूरी करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यहां पर त्र्यंबक नामक वन हुआ करता था, जहां पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान ठहरे हुए थे. तो पांडव पुत्र भीम ने यहां शिवलिंग को स्थापित किया था.
ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी को सिंदूरी रंग बहुत प्रिय है. इसी वजह से उनकी प्रतिमा भी सिंदूरी रंग में ही देखने को मिलती है. लेकिन रायबरेली जनपद के भवानी पेपर मिल के पास बने अभय दाता मंदिर में हनुमान जी की सांवले रंग की प्रतिमा स्थापित है . जानकार बताते हैं कि इसका अपना एक अलग ही इतिहास है.
रायबरेली जिले के लालगंज तहसील के बल्हेमऊ गांव में स्थित बालेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास 500 साल पुराना है. इसके गुंबद पर लगा त्रिशूल सूर्य के गति के सापेक्ष परिवर्तित होता रहता है. मंदिर परिसर में एक सरोवर भी है, जिसके बारे में लोगों का मानना है कि इस सरोवर में सब तीर्थों का जल लाकर डाला गया था. उसके बाद इसी जल से ही भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. आप भी नए वर्ष अपने परिवार के साथ यहां दर्शन कर नए वर्ष की शुरुआत कर सकते हैं
रायबरेली का मंशा देवी मंदिर लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है. यहां पर विशालकाय जंगल हुआ करता था, उसे जंगल में एक मंशा राम बाबा रहा करते थे. जिन्हें एक बार स्वप्न में एक मूर्ति ने दर्शन दिया और कहा कि मैं यहां स्थापित होना चाहता हूं. जिसके बाद यहां उन्होंने मूर्ति स्थापित की और पूजा अर्चना शुरू की. लोगों का मानना है कि यदि आपके पुत्र या पुत्री का रिश्ता नही हो रहा है तो एक बार यहां दर्शन करे आपके पुत्र-पुत्री का रिश्ता जरूर पक्का हो जाएगा.