बिन मौसम बरसात व गिरे पत्थरों ने अन्नदाता सहित आम जनजीवन किया अस्तव्यस्त
रिपोर्ट:- निशांत सिंह
परशदेपुर रायबरेली। बिन मौसम की बरसात और पत्थरों ने बीते 2 दिनों से अन्नदाता किसानों के माथें पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी है। बताते चलें कि कुछ किसानों ने बताया कि अभी हम लोगों की गेहूं की फसल का एक दाना घर नहीं पहुंचा। खेत मे बोझ बने हुए पड़े हैं। इनकी मडाई के लिए तैयारी हो ही रही थी।
इंद्र देवता अपना विकराल रूप रखकर बिन मौसम बरसात कर रहे हैं ऊपर से तेज हवाएं खेत में खड़ी फसल का भारी नुकसान कर रही है। किसान करे तो क्या करें। किसानों पर दोहरी मार पड़ रही किसानों ने बताया कि फसल बोने से लेकर फसल पकने तक आवारा जानवरों की रखवाली करते रहे। और जब फसल पककर तैयार हुई तो इंद्र देवता के कोप का भाजन बनना पड़ रहा है कहीं-कहीं पर गिरे पत्थरों ने फसल का और बुरा हाल कर दिया। यदि यही हाल रहा तो खेत में ही लाके सड़ जाएगी हैं।
प्रश्न उठता है कि उन किसानों का क्या होगा जिनका दाना अभी खेत में ही पडा हुआ हैं। फिलहाल बिन मौसम बारिश व पत्थरों की वजह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है।











