डेंगू के फैलाव को रोकने के लिए डीएम ने कहा गंभीर होकर करें कार्य,जल जमाव की समस्या का हो समाधान
मुन्ना सिंह /बाराबंकी: जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया तथा इसी प्रकार की बीमारियों की रोक थाम के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग,शिक्षा, ब्लॉक स्तर पर कार्यरत लोग गंभीर होकर प्रयास करें। उन्होंने नगर पालिका परिषद एवं पंचायत आदि के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जमाव की समस्या किसी भी स्तर पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर,और विशेषकर जहां बुख़ार के मरीज़ों की संख्या अधिक पाई गई हो, वहां पर एंटीजन टेस्ट कराए जाएं।
ज़िलाधिकारी आज लोक सभागार में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए तीन अक्तूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक घर घर दस्तक अभियान के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अवधेश कुमार यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डीके श्रीवास्तव सहित समस्त सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे। ज़िलाधिकारी ने मसौली से एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी निर्देश दिए क्योंकि उनके क्षेत्र में डेंगू आदि से बचाव के कार्यों में लापरवाही बरतने की रिपोर्ट मिली थी। झाड़ियों की कटाई, जल जमाव आदि की समस्या के समाधान के उन्होंने समुचित प्रयास नहीं किए।
ज़िलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि एलाइज़ा टेस्ट ही नहीं,बुख़ार के प्रकोप वाले क्षेत्रों में एंटीजन टेस्ट के पाज़िटिव आने पर भी नियंत्रण के गंभीर प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोगों के स्रोत पर काम करे कि कहां से ये जनरेट हो रहे हैं। वहां निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। ज़िलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ,एडीओ,आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा आदि के साथ निर्धारित समयानुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करें और गांव वालों से समन्वय बनाकर उनसे बातचीत करें उन्हें सतर्क करें।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारी इस मामले में गंभीर हो जाएं, लापरवाही बिल्कुल न करें,अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अपने अपने क्षेत्र के एक एक वार्ड का प्रतिदिन निरीक्षण करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अवधेश कुमार यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर अब तक 1155 प्रभातफेरी बच्चों की निकाली जा चुकी हैं तथा 2209 स्कूलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जा चुका है। इनमें बुखार से बचाव आदि के बारे में सभी को बताया जाता है कि पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरों को न पनपने दें और सफ़ाई का विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के सम्बंध में अधिक से अधिक सतर्क रहें। उपचार के अतिरिक्त इस बारे में जागरूकता अभियान भी लगातार चलाए जा रहे हैं।