निजी अस्पताल टीबी नोटिफिकेशन को गंभीरता से लें: सीएमओ

रिपोर्ट – उपेन्द्र शर्मा

  • सरकारी अस्पतालों से 98 प्रतिशत नोटिफिकेशन जबकि निजी से 55 प्रतिशत
  • निजी अस्पतालों का सहयोग टीबी उन्मूलन में होगा सहायक : डीटीओ

नोएडा। वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। निजी चिकित्सालय टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन पर ध्यान दें तो टीबी उन्मूलन की राह और आसान हो जाएगी। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील शर्मा का। उन्होंने निजी चिकित्सकों और चिकित्सालयों के संचालकों से अपील की है कि वह टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन को गंभीरता से लें और स्वास्थ्य विभाग को समय पर सूचना उपलब्ध कराते रहें।

डा. शर्मा ने बताया- सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सालय से 98 प्रतिशत नोटिफिकेशन प्राप्त हो रहा है जबकि निजी चिकित्सालयों का नोटिफिकेशन केवल 55 प्रतिशत है। निजी चिकित्सालय हर टीबी मरीज की जानकारी समय पर स्वास्थ्य विभाग को दें तो विभाग को सुविधा होगी, साथ ही टीबी उन्मूलन की राह भी काफी हद तक आसान हो जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीष जैन का कहना है- जनपद में विभाग को वास्तविक टीबी मरीजों की जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उन तक पहुंच सकें।

बता दें कि टीबी मरीजों को उपचार चलने तक निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपये दिये जाते हैं। यह रकम सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इसके अलावा गोद लेने का कार्यक्रम भी चल रहा है। टीबी का उपचार बहुत मंहगा होता है और मरीज को उच्च गुणवत्ता के पोषण की जरूरत होती है, जिसे विभाग निजी संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा निजी चिकित्सालयों से टीबी मरीजों का पूर्ण विवरण प्राप्त नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से वास्तविक टीबी मरीजों की जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा एक टीबी मरीज उपचार शुरू नहीं होने पर 10-15 लोगों में संक्रमण फैला देता है। इसलिए समय पर टीबी मरीज की जानकारी मिलना और उसका उपचार होना बहुत जरूरी है।

क्षय रोग विभाग टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों और परिवार वालों की स्क्रीनिंग कराता है, साथ ही उन्हें प्रीवेंटिव दवा उपलब्ध कराता है। स्क्रीनिंग के दौरान यदि टीबी के लक्षण नजर आते हैं उनकी आगे की जांच की जाती है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उन्हें भी टीबी का पूरा कोर्स कराया जाता है। उन्होंने निजी चिकित्सकों, चिकित्सालयों के संचालक-प्रबंधकों से अपील की है कि वह वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करें।

डा. जैन ने बताया टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के लिए क्षय रोग विभाग लगातार निजी चिकित्सकों और चिकित्सालों में सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) प्रदान करता है। मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। निजी चिकित्सकों से कहा गया है कि जितने भी मरीज उनके यहां आते हैं और जांच में टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत उनका विवरण क्षय रोग विभाग को उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कई बार ऐसा होता है कि मरीज में टीबी की पुष्टि हो जाती है लेकिन वह उपचार के लिए नहीं आता हैं, ऐसा रोगी संक्रमण के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील होता है। ऐसे मरीज का तुरंत उपचार शुरू होना बहुत जरूरी होता है।

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