कोई फिर से लौटा दे वे बचपन वाले दिन…शिखा त्रिपाठी

सर्वोदय आदर्श इण्टर कॉलेज में हुआ कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन

शिवगढ़,रायबरेली। सर्वोदय आदर्श इण्टर कॉलेज कुकहा रामपुर में आयोजित वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन बेहतरीन कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत मशहूर कवि रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर, कवि प्रवीण त्रिपाठी, राघवेंद्र सिंह ‘राघव’ अभिषेक सिंह ‘रौद्र’, जमुना प्रसाद पाण्डेय ‘अबोध’ शिखा त्रिपाठी ने कविता पाठकर छात्र-छात्राओं,अभिभावकों, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अतिथियों को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी ‘प्रलयंकर’ ने कविता पाठ करते हुए कहा ‘वंदे मातरम कहते हुए शहीद, भारत माता के सपूतों तुम्हें कोटिस: नमन है, तुमने तिरंगे की बचाई आन बान शान, इसीलिए राष्ट्रध्वज का बना कफन है। जिसे सुनकर लोग भारत माता के जयकारे लगाने लगे तालियों की गड़गड़ाहट से प्रलयंकर का जमकर स्वागत किया। राघवेंद्र सिंह ‘राघव’ ने नारी सम्मान में अपनी स्वरचित कविता ‘पत्थर जैसे दिल वालों को दर्द नहीं हो सकता है, और कभी लोहा सोना सा दर्द नहीं हो सकता है, महिला को आदर के बदले जो गाली देता है, वह कुछ भी हो सकता है पर मर्द नहीं हो सकता है। पढ़कर खूब तालियां बटोरी, वहीं अभिषेक सिंह ‘रौद्र’ ने ‘निर्दोष के विरुद्ध गवाही को बदल दें, जीवन में होने वाली तबाही को बदल दें, नाथों के नाथ विश्वनाथ कर दें जो कृपा, तो ब्रह्मा के लिखे लेख की गवाही को बदल दें। कविता पढ़़कर माहौल भक्ति में कर दिया। वहीं हाईस्कूल की टॉपर शिखा त्रिपाठी ने ‘प्यार अकारण सब करते थे कितनी अच्छे थे दिन, कोई फिर से लौटा दे वे बचपन वाले दिन’ कविता पढ़कर सभी को अतीत के सागर में डुबो दिया, अपने बचपन की याद कर सभी भावुक हो उठे। मंच संचालन कर रहे मशहूर कवि प्रवीण त्रिपाठी ने स्वरचित कविता ‘प्रेम चांदी नहीं न सोना है, प्रेम पाना नहीं ना खोना है, प्रेम की राह नही है आसां, प्रेम इक दूसरे का होना है। पढ़कर सभी को निश्छल, निस्वार्थ प्रेम का संदेश दिया। कवि जमुना प्रसाद पाण्डेय ‘अबोध’ ने अपनी कविता में नेताओं पर व्यंग करते हुए कहाकि ‘नेता जो कहय न करै तो कंटाप जरुरी है।’ पढ़कर खूब तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन में विद्यालय के प्रबंधक जगदंबा प्रसाद तिवारी, प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार तिवारी, विभागाध्यक्ष राजकुमार तिवारी,अटेवा की महामंत्री संतोषी तिवारी द्वारा सभी कवियों को साल भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रदीप सिंघल, रामकिशोर मौर्य,एम.एल.शास्त्री, रवि शंकर बाजपेई, चंद्र मोहन दीक्षित, विनीत मौर्य, साहब शरण भारती, डी.के.सिंह, पवन यादव,ए.के.अवस्थी, शिवम मौर्य आदि लोग उपस्थित रहे।

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