संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आए चौंकाने वाले आंकड़ें, 2023 में चीन से भी आगे निकलेगा भारत

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले साल दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ सकता है। जनसंख्या विभाग के आर्थिक और सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र विभाग ने विश्व जनसंख्या संभावना-2022 में कहा है कि, वैश्विक जनसंख्या नवंबर के मध्य तक आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है और भारत चीन को पीछे छोड़ देगा।

विश्व आबादी पर यूएन रिपोर्ट

यूनाइटेड नेशंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, इस साल मध्य तक दुनिया की आबादी आठ अरब तक पहुंच जाएगी, लेकिन इस रिपोर्ट में सबसे राहत की बात ये है, कि 1950 के बाद से ये पहला मौका है, जब दुनिया की जनसंख्या की बढ़ने की रफ्तार कम हो गई है। यूएन रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 में दुनिया की कुल आबादी बढ़कर 8.5 अरब और 2050 में दुनिया की कुल आबादी 9.7 अरब हो जाएगी। यूएन रिपोर्ट में पता चला है कि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार दुनिया की आबादी की बढ़ने की रफ्तार सबसे कम है और साल 2080 तक दुनिया की कुल आबादी 10.4 अरब होने की संभावना जताई गई है और साल 2100 तक करीब करीब इतनी ही जनसंख्या बरकरार रहने का अनुमान लगाया गया है।

आबादी पर यूएन ने क्या कहा?

वहीं, विश्व जनसंख्या दिवस पर यूनाइटेड नेशंस को महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि, इस साल विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) एक मील का पत्थर कायम कर रहा है, क्योंकि इस साल नवंबर में दुनिया की कुल आबादी बढ़कर आठ अरब तक पहुंच जाएगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि, यह हमारी विविधता का जश्न मनाने, हमारी आम मानवता को पहचानने और स्वास्थ्य में प्रगति पर आश्चर्य करने का अवसर है, जिसने जीवनकाल को बढ़ाया है और नाटकीय रूप से मातृ एवं बाल मृत्यु दर में कमी आई है।

यूएन की रिपोर्ट में क्या-क्या है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि “साल 2023 के दौरान भारत के दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ने का अनुमान है।” यानि, अगले साल भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। वहीं, यूएन रिपोर्ट में कहा गया है, कि साल 2050 तक केवल आठ देशों की आबादी से ज्यादा बढ़ेगी, जिनमें भारत के अलावा लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया हैं। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया और ओशिनिया की आबादी में सदी के अंत तक धीमी लेकिन सकारात्मक वृद्धि का अनुभव होने की उम्मीद है। वहीं, पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशिया, मध्य और दक्षिणी एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, और यूरोप और उत्तरी अमेरिका की आबादी चरम पर पहुंच चुकी होगी और इन देशों की जनसंख्या में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।

भारत को लेकर रिपोर्ट में क्या है?

पहले भारत उन 10 देशों में शामिल था, जहां से साल 2010 से 2021 के बीच सबसे ज्यादा लोग किसी और देश में रहने के लिए चले गये। वहीं, अब पाकिस्तान छोड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा हो गई है। सीरिया, वेनेजुएला और म्यांमार जैसे देशों ने असुरक्षा और संघर्ष के कारण लोगों के देश छोड़ने की संख्या में इजाफा हुआ है। यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि, 46 सबसे कम विकसित देश जनसंख्या बढ़ाने के मामले में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से हैं और कई देशों के 2022 और 2050 के बीच जनसंख्या दोगुना होने की उम्मीद है। वहीं, 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का दो-तिहाई पिछले विकास की गति से प्रेरित होगा।

 

 

 

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