आखिर कौन लोग बचा रहे हैं सत्यम हॉस्पिटल को बच्चे की हाथ की कीमत क्या?

Raebareli: रायबरेली यह सवाल है उन जिम्मेदार लोगों के लिए जो महत्वपूर्ण पदों पर बैठकर लापरवाह व्यवसायिक और मानक विहीन अस्पतालों को चलाने वालों को संरक्षण देते हैं और ऐसे अस्पतालों में जब लापरवाही के चलते 2 महीने के बच्चे का हाथ काटा जाता है तो उस गरीब के साथ खड़े होने की जगह जांच के नाम पर अस्पताल को बचाने का प्रयास किया जाता है l

रायबरेली शहर का सत्यम हॉस्पिटल जहां पर 1 बच्चे को मामूली बुखार होने पर भर्ती कराया गया अस्पताल में बच्चे को विवो लगाया गया उसके बाद बच्चे के हाथ में सड़न पैदा हो गई हालत यहां तक हो गई थी उसका हाथ तक काटा जा चुका है एक गरीब परिवार अपने बच्चों को लेकर दर-दर भटक रहा है उसकी सुनने वाला कोई नहीं l

मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से जब जिलाधिकारी को हुई 3 डॉक्टर का पैनल इसकी जांच करेगा यह पैनल भी बनाने के पीछे आखिर मकसद क्या है पैनल में मजिस्ट्रेट क्यों नहीं है और प्रत्यक्ष रूप से अस्पताल उनका और बच्चा भी वहां एडमिट फिर जांच की आवश्यकता क्या यह सवाल है जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से कि क्या उन्हें नहीं लगता कि इसमें अस्पताल की लापरवाही हुई है l

आज हालत यह है कि उस गरीब पिता के पास बच्चे के इलाज के लिए पैसे तक नहीं है और वही दूसरी ओर सत्यम अस्पताल रोज लाखों की कमाई करके सिस्टम को मुंह चिढ़ा रहा है l जिले का स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पूरा जिम्मेदार है जिला अस्पताल में भी पैर की जगह पेट का ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है स्वास्थ विभाग के संरक्षण में मेडिकल माफियाओं का जाल पूरे जिले में फैल रहा है जो लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और प्रशासन है कि सिर्फ जांच जांच का खेल खेल रहा है.

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