सचित्र : मृतक सौरभ मिश्रा की फाइल

सड़क हादसे में युवक की दर्दनाक मौत ! मचा कोहराम

शिवगढ़,रायबरेली। थाना क्षेत्र के गुमावां पुलिस चौकी अन्तर्गत अछई गांव के रहने वाले युवक की सड़क हादसे में हृदय विदारक मौत हो गई जिसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटना को अंजाम देने वाली फोर व्हीलर को कब्जे में लेने के साथ ही मृतक के शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। गौरतलब हो कि अछई गांव के रहने वाले सौरभ मिश्रा उम्र 28 वर्ष जो रविवार की दोपहर घर से बाइक से लखनऊ जा रहे थे तभी महराजगंज हैदरगढ़ हाईवे पर स्थित हनुमन्त नगर चौराहा निकट लाही, कोतवाली हैदरगढ़ के समीप सामने से आ रही तेज रफ्तार फोर व्हीलर पीयूवी महेन्द्रा ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी जिससे सौरभ मिश्रा गम्भीर रूप से घायल हो गए जिन्हें मरणासन्न में आनन- फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ ले जाया गया जहां चिकित्सक ने स्वास्थ्य परीक्षण के पश्चात उन्हे मत घोषित कर दिया। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने वाहन को अपने कब्जे में लेने के साथ ही मृतक के शव को पीएम के लिए भेज दिया। युवक की मौत से पत्नी रूबी, 6 वर्षीय बेटे विशू, दिव्यांग पिता कालिका प्रसाद मिश्रा का रो-रोकर बुरा हाल है। बताते हैं कि जिस वहां से हादसा हुआ है वह प्रयागराज महाकुम्भ जा रही थी जिस पर मजिस्ट्रेट लिखा था। हैदरगढ़ कोतवाल अजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मृतक का शव पीएम के लिए भेज दिया गया है, मुकदमा दर्जकर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

सौरभ की मौत से छिन गया पिता का सहारा, सूनी हो गई पत्नी की मांग

सौरभ मिश्रा अपने पिता का इकलौता बेटा था जिसकी मौत से जहाँ दिव्यांग पिता कालिका प्रसाद मिश्रा का सहारा छिन गया है। वहीं पत्नी रूबी की मांग सूनी हो गई है। 6 वर्षीय मासूम विशू के सिर से पिता का साया उठ गया है। सौरभ के पिता ने 10 वर्ष पूर्व लखनऊ में एक सड़क हादसे में अपना एक पैर गवां दिया था 3 वर्ष पूर्व पत्नी की मौत होने के बाद से बेटा सौरभ मिश्रा ही कालिका प्रसाद का सहारा था।

पत्नी ने लखनऊ जाने से रोका था किन्तु नही टली मौत

सौरभ मिश्रा लखनऊ में प्राइवेट नौकरी करता था जो त्यौहार में छुट्टी लेकर आया था रविवार को वह दोस्तों के साथ गांव में ही क्रिकेट मैच खेल रहा था तभी लखनऊ से फोन आने पर वह काम पर वापस जा रहा था। वापस लखनऊ जाते समय पत्नी, बच्चे ने अगले दिन जाने की बात कहकर उसे रोका भी किंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था। पति की मौत से पत्नी रूबी के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। जिसके ऊपर बच्चे के पालन पोषण तथा दिव्यांग ससुर की सेवा की जिम्मेदारी आ गई है। जवान बेटे की मौत से फफकते पिता, रोती बिलखती पत्नी,तथा मासूम बेटे को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई। देर शाम मृतक का शव गांव पहुंचते ही परिजनों के करुण क्रंदन से समूचा गांव कराह उठा।

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