PAKISTAN: क्या लंबे समय तक रह पाएंगे शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ?

दुनिया : विश्व के राजनीतिक घटनाक्रम में इस समय एक राजनैतिक घटना जो सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है वह है पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री होना पाकिस्तान में पिछले 1 हफ्ते से जो राजनैतिक घटनाक्रम बदलने के बाद शहबाज शरीफ को देश का अगला प्रधानमंत्री चुन लिया गया है लेकिन सवाल यह है कि वह कितने दिनों तक प्रधानमंत्री रह पाते हैं।

 

पाकिस्तान में जबरदस्त राजनीतिक लामबंदी के चलते पाकिस्तान के निवर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्षी दल पीएम पद से हटाने में तो कामयाब हो गए हैं लेकिन क्या शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री लंबे समय तक बनाए रखने में भी कामयाब होंगे बहुमत परीक्षण के दौरान उन्होंने 174 और लाकर जीत दर्ज कर ली है।

 

इस घटनाक्रम के पहले रविवार को अविश्वास प्रस्ताव में हुए मतदान के दौरान इमरान खान को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

 

इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ पीटीआई ने इमरान की जगह शाह महमूद कुरैशी को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन एक घटनाक्रम में मतदान के ठीक पहले उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था और कार्यवाही के दौरान पीटीआई ने मतदान का भी बहिष्कार करने की कार्यवाही की थी।

 

कार्यकाल पूरा करेंगे या जल्द होंगे चुनाव

 

शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बात जो सबसे ज्यादा अहम मानी जा रही है वह यह कि क्या वह पाकिस्तान को स्थिर सरकार दे पाएंगे क्या उनके रिश्ते विदेशों से अच्छे हो पाएंगे खास करके भारत से उनके रिश्ते कैसे होते हैं बाकी बचा हुआ डेढ़ साल क्या वह पूरा कर पाएंगे या जल्द चुनाव कराने के पक्ष में होंगे यह सारी बातें बहुत मायने रखती हैं।

 

यह बात तो तय है कि नई सरकार के लिए हालात आसान नहीं है इमरान खान प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान को बहुत पीछे धकेल दिया है नई चुनौतियों का सामना शहबाज शरीफ कैसे करते हैं यह भी देखने वाली बात होगी।

 

पाकिस्तान में बने नए राजनैतिक गठबंधन डेमोक्रेटिक एलाइंस या पीडीए के नाम से बने नए गठबंधन को जो सबसे पहले और सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा वह यह है कि बचे हुए डेढ़ साल का कार्यकाल यह एलाइंस कैसे पूरा करता है और चुनौतियों का सामना कैसे कर पाता है।

 

पाकिस्तान के ताजा राजनैतिक घटनाक्रम में इमरान खान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना बनाई गई थी कि देश के आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के समय अगस्त में जनगणना पुनः कराई जाए जिससे कि आने वाला चुनाव और बेहतर तरीके से कराया जा सके यह भी चुनौती नए सरकार के लिए बहुत बड़ी होगी क्या वह नई जनगणना करा पाएगी क्या बेहतर तरीके से चुनाव का संचालन कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे पाएगी।

 

पाकिस्तान के एक महत्वपूर्ण राजनीतिक भविष्यवक्ता जो एक जाना पहचाना नाम भी है शेख रशीद ने इमरान सरकार में कुछ दिनों के लिए गृह मंत्री का कार्य भी किया उन्होंने कहा कि अगस्त सितंबर में आम चुनाव होते हुए देख रहे हैं लेकिन राजनीति में अक्सर भविष्यवाणियां गलत साबित होती हैं।

 

एक और भविष्यवक्ता का कहना है कि की सत्ताधारी मोर्चे ने अपनी कामयाबी तो हासिल कर ली है लेकिन ठीक ढंग से चुनौतियों का सामना करके 6 से 8 महीने में चुनाव सुधार कर चुनाव करने के लिए सक्षम विकल्प भी प्रस्तुत कर पाएगा।

 

घायल अवस्था में इमरान खान

अगर इमरान खान की बात करें तो वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लिख के खिलाफ हमेशा धरना प्रदर्शन के मोड पर ही दिखाई देते थे और उनका जमकर विरोध करते हुए देखे गए हैं ।धरने और रैलियों के द्वारा उन्होंने पिछली सरकारों के नाक में दम कर रखा था और हर बात पर अड़े रहते थे।

 

प्रधानमंत्री पद छिन जाने के बाद वह अत्यधिक घायल अवस्था में पहुंच गए हैं और यह अवस्था अत्यधिक घातक भी साबित हो सकती है क्योंकि उन्होंने खुद कहा था कि अगर वह दोबारा सरकार में आते हैं तो और भी खतरनाक साबित होंगे।

पाकिस्तान के जो हालात हैं जाहिर तौर पर नई सरकार आने के बाद भी शांति की उम्मीद कम ही है अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग के एक दिन पहले ही यह कह चुके हैं कि शांतिपूर्ण विरोध किया जाए क्योंकि पाकिस्तान में शांति से कोई काम हो जाए यह संभव नहीं है क्योंकि चाहे वह भारत विरोध हो यह खुद सत्ता विरोध हो यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार प्रतीत होता है।

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