“हम बोलेंगे मुँह खोलेंगे तभी ज़माना बदलेगा” स्लोगन के साथ निकाली गयी पैड यात्रा
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- विवि के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से मासिक धर्म के प्रति किया गया जागरूक
मेरठ । माहवारी एक प्राकृतिक और बेहद सामान्य प्रक्रिया होने के बावजूद आज भी इसके बारे में बात करते हुए लड़कियां झिझकती और संकुचाती दिखाई देती हैं और माहवारी स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी समस्या को किसी से साझा नहीं कर पाती हैं। लड़कियों की इस शारीरिक और मानसिक समस्या का समाधान करने का बीड़ा सामाजिक संस्था सच्ची सहेली ने एसबीआई फाउंडेशन के साथ मिलकर उठाया है। स्कूली छात्राओं को माहवारी पर जागरूक करने के उद्देश्य से एक पहल नया सवेरा के अंतर्गत गुरुवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक पीरियड फेस्ट का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं ने पैड यात्रा निकालकर लोगों को पीरियड के प्रति जागरूक किया। बालिकाओं ने “हम बोलेंगे मुँह खोलेंगे तभी ज़माना बदलेगा” स्लोगन के साथ अपनी आवाज बुलंद की।
पैड यात्रा का शुभारंभ तेजगढ़ी चौराहा से अधिकारी दीपक मीणा, ज्वाइंट कमिश्नर जागृति अवस्थी, चौधरी चरण विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो़ संगीता शुक्ला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने संयुक्त रूप से किया।
पैड यात्रा में 25 से ज़्यादा सरकारी व गैर सरकारी इंटर कॉलेज से लगभग 1400 छात्राओं ने तेजगढ़ी चौपला से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय तक प्रातः 8:30 बजे पैड यात्रा निकाली। पैड यात्रा में छात्राओं ने स्लोगन “हम बोलेंगे मुँह खोलेंगे तभी ज़माना बदलेगा” के साथ अपनी आवाज उठाई और बैंड के साथ पीरियड्स का जश्न मनाते हुए सुभाष चंद्र बोस ऑडिटोरियम पहुंची।
ज्वाइंट कमिश्नर जागृति अवस्थी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा – पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिस पर हमें खुल कर बात करनी चाहिए। यह एक स्वस्थ शरीर की पहचान है। इसके पहले सच्ची सहेली की प्रेसिडेंट व फाउंडर डॉ सुरभि सिंह जो एक गायनेकोलॉजिस्ट भी हैं, ने कहानियों के माध्यम से बालिकाओं के अंदर पीरियड्स से जुड़े मिथ्यों पर जमकर प्रहार किया।
मुंबई से विशेष तौर पर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये फाउंडेशन के एमडी संजय प्रकाश ने बताया- उन्होंने क्यों सच्ची सहेली के साथ मिलकर नया सवेरा प्रोजेक्ट को मेरठ शहर के विभिन्न स्कूलों में शुरू करने की पहल की। उन्होंने कहा -वह समाज में फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए आगे भी इसी तरह काम करते रहेंगे। पीरियड कोई शर्म की बात नहीं है यह सन्देश सब तक पहुँचाने के लिए पीरियड फेस्ट का आयोजन चौधरी चरण सिंह विवि के सुभाष चंद्र बोस ऑडिटोरियम में पैड यात्रा के बाद किया गया । सच्ची सहेली की मालविका ने बताया – कार्यक्रम में स्टॉल लगाए गये थे, जिनका लक्ष्य समाज में पीरियड्स को लेकर एक नई सोच जागृत करना था। इनमें खेलों के माध्यम से माहवारी से संबंधित नई जानकारियां, विभिन्न प्रकार के माहवारी प्रोडक्ट्स जैसे कि मेंस्ट्रुअल कप तथा टेंपोंस आदि दिखाए गए। अनूठा सा एक इच्छा वृक्ष लगाया गया जिसमें बालिकाओं ने अपनी इच्छाएं लिख कर लटकाईं। बहुत से सेल्फी पॉइंट्स बनाए गए, जिसमें बालिकाओं ने खूब सेल्फी खिंचवाई। ऑडिटोरियम में रंगारंग कार्यक्रमों में अस्मिता थिएटर ग्रुप नई दिल्ली के कलाकारों ने पीरियड से जुड़ी समस्याओं और समाज की सोच को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बहुत ही सुंदर तरीके से दर्शाया।
अमृता नाट्य एकेडमी ने नृत्य प्रस्तुत किया। रंगारंग कार्यक्रमों में न केवल बालिकाओं बल्कि विभिन्न विद्यालयों की प्रधानाचार्या शिक्षिकाएं, सच्ची सहेली की सदस्यों ने रैंप वॉक के माध्यम से समाज में मासिक धर्म से जुड़ी कई भ्रांतियों को तोड़ा । कार्यक्रम के अंत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाउंडेशन के एमडी संजय प्रकाश, सहोदया टीम के अध्यक्ष व एग्जीक्यूटिव मेंबर्स, तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान भी किया गया । इस मौके पर इला श्रीवास्तव, रचना, मालविका, सिंपल, जीनत, इन्दु, राखी, शहनाज व रिकिता शामिल थे वहीं मेरठ से सीमा, निशा, पल्लवी, रीना व अन्य सदस्य शामिल रहीं।