Mahakumbh: Sanatan's power demonstration on the sands of Sangam today, three Akharas will show the power of culture in the cantonment entry.

Mahakumbh : संगम की रेती पर सनातन का शक्ति प्रदर्शन आज, तीन अखाड़े छावनी प्रवेश में दिखाएंगे संस्कृति की शक्ति

Shree desk : तीनों अखाड़ों की सामूहिक छावनी प्रवेश शोभायात्रा बुधवार को केपी इंटर कॉलेज परिसर से निकलेगी।

बसावट से पहले अखाड़े के संतों में मारपीट और गुटबाजी के बाद छावनी प्रवेश में पहली बार वैष्णव परंपरा की तीनों अनियों के अखाड़े एक साथ तलवार-भाला और अन्य अस्त्र-शस्त्र के साथ निकलेंगे। तीनों अखाड़ों की सामूहिक छावनी प्रवेश शोभायात्रा बुधवार को केपी इंटर कॉलेज परिसर से निकलेगी।

इस छावनी प्रवेश शोभायात्रा की नेतृत्व श्रीपंच रामानंदी निर्मोही अनि अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास कर रहे हैं। करीब डेढ़ महीने पहले भूमि निरीक्षण के दौरान मेला कार्यालय में आगे बैठने के विवाद में राजेंद्र दास के साथ मारपीट हो गई थी। इस मामले में राजेंद्र दास जूना और निरंजनी के संतों पर हमले का आरोप लगा चुके हैं।

तब निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास खुद पर जानलेवा हमले की शिकायत सीएम और डीजीपी से की थी। इसे देखते हुए पहली बार तीनों अनि अखाड़े एक साथ छावनी प्रवेश में एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में तीनों अनि अखाड़ों की एक साथ छावनी प्रवेश शोभायात्रा को लेकर मेला प्रशासन सजग हो गया है।

हाकुंभ की संस्कृति को विश्व का सबसे महानतम संस्कृति बताने वाले निर्वाणी अनि अखाड़े के सचिव श्रीमहंत मुरली दास बताते हैं कि तीनों अखाड़े पहली बार एक साथ छावनी प्रवेश में निकलेंगे। वैष्णव परंपरा के संतों के छावनी प्रवेश में सनातन का वैभव दिखेगा।

तीनों वैष्णव अनि अखाड़े निर्मोही, निर्वाणी और दिगंबर परंपरा वाले संतों की छावनी प्रवेश शोभायात्रा केपी इंटर कॉलेज से दिन के 11:30 बजे आरंभ होगी। नगर भ्रमण करते हुए शोभायात्रा काली मार्ग की दक्षिणी पटरी पर स्थित महाकुंभ की छावनी में प्रवेश करेगी। इस छावनी प्रवेश शोभायात्रा में ऊंट,घोड़े रथ, बग्घियां, बैंड बाजे और सुंदर झांकियां दिव्यता और भव्यता का उदाहरण बनेंगी।

तैयारी बैठक में निर्मोही अनि अखाड़े में छावनी प्रवेश की तैयारी बैठक में श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत मुरली दास, रमेश दास, महंत राजेश दास,महेंद्र शिव कुमार दास, महंत भानु पाल दास, महंत गोपाल दास आदि मौजूद थे।

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