Mahakumbh: ‘साध्वी तो मैं बनकर रहूंगी… जूना अखाड़े में ऐसे ही नहीं मिली जगह’; राखी ने बताया कैसी हुई एंट्री

श्री डेस्क  : 22 दिन बाद गांव लौटी 13 साल की राखी अपनी बात पर अडिग है। उसका कहा है कि साध्वी बनकर रहूंगी। उसका कहना है कि दीदी त्रतंभरा वृद्धावन में आश्रम में रहकर पढ़ाई कर सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। वहीं राखी ने कहा कि मेरे गुरु पर जो आरोप लगाए गए हैं वो सब गलत है।

आगरा के फतेहाबाद में तहसील सदर के गांव टरकपुरा के दिनेश की 13 वर्षीय पुत्री राखी गांव लौट आई हैं। राखी जूना अखाड़े में शामिल हुई थी। मगर, नाबालिग होने के कारण घर भेज दी गई थीं। 22 दिन बाद राखी परिजन के साथ गांव लौटी।

उनका कहना है कि वह जीवन भर साध्वी बनकर ही रहेंगी। प्रयागराज कुंभ से माता-पिता के साथ लौटीं राखी ने कहा कि 25 दिसंबर 2024 को कुंभ में शामिल होने गई थीं। उन्होंने बताया कि कुछ दिन रहने के बाद अच्छा नहीं लगा।

इस पर माता-पिता से कहा कि घर चलो। लेकिन, उसी रात्रि में बचपन की इच्छा जागृत हुई कि मुझे साध्वी बनना है। माता-पिता से कहा कि आप घर चले जाओ। मुझे साध्वी बनना है। माता-पिता और गुरु कौशल गिरी ने काफी समझाया कि वह साध्वी न बनें।

मगर, मैं अपने इरादे पर अटल रही। माता- पिता ने खूब डांटा। तब अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए गुरु से कहा। उन्होंने कहा कि माता-पिता से बात कर लो।

गुरु व माता- पिता से जताई थी बचपन की अपनी इच्छा
माता-पिता यही बोले कि जो उसकी इच्छा है, वही करें। अपना साथ देने का वादा किया। गुरु ने कहा था कि वो पढ़ाई पर ध्यान दें। पढ़-लिखकर नौकरी करें। उन्होंने समझाया था कि साध्वी बनना कोई छोटी चीज नहीं है। बात नही मानी तो गंगा में कूदकर जान देने की धमकी के बाद जूना अखाड़े में साध्वी बनाने पर सहमति बनी। अब वो साध्वी के भेष में ही रहेंगी।

दीदी त्रतंभरा वृद्धावन में आश्रम में रहकर पढ़ाई कर सनातन धर्म का प्रचार करेंगी। वहीं राखी ने कहा कि मेरे गुरु पर जो आरोप लगाए गए हैं वो सब गलत है मैं जूना अखाड़े से अनुरोध करती हूं कि मेरे गुरु फिर से जूना अखाड़े शामिल किया जाए। इसमें उनका कोई दोष नहीं है।

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