Maha Kumbh: मौन रहकर चाय वाले बाबा सिविल सर्विसेज की दे रहे कोचिंग… इन महंत के वाहन में ही है किचन और बेडरूम

श्री डेस्क : संगम की रेती पर बाबाओं की दुनिया बस गई है। मेले में देश-दुनिया से पहुंचे हर बाबा की तपस्या के अलग रंग हैं। इसमें प्रतापगढ़ के चाय वाले बाबा सिविल सर्विसेज की फ्री कोचिंग-नोट्स देकर तो दिल्ली से आए महंत ओम तीन पहिये वाहन में किचन- बेडरूम बनाकर सुर्खियां बटोर रहे हैं।

प्रतापगढ़ के चिलबिला के शिवशक्ति बजरंग धाम से आए चाय वाले बाबा का असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। इन्होंने 40 साल पहले बोलना और अन्न ग्रहण करना त्याग दिया था। दिनभर में ये सिर्फ 10 चाय पीते हैं।

भक्तों को प्रसाद के रूप में भी यही देते हैं, इसलिए इन्हें चाय वाले बाबा कहते हैं। बाबा बीएससी किए हैं। इनके पिता प्राचार्य थे। उनके निधन के बाद दिनेश स्वरूप को शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति भी मिली थी, लेकिन नौकरी नहीं की।

बाबा सिविल सर्विसेज की फ्री कोचिंग देते हैं और व्हाट्सएप के जरिये छात्र-छात्राओं को नोट्स भी बनाकर उपलब्ध कराते हैं। व्हाट्सएप के जरिये ही छात्रों के प्रश्नों का बाबा उत्तर भी देते हैं।

पूछने पर लिखकर बताते हैं कि विद्यार्थियों को शिक्षा देकर उन्हें अफसर बनाना ही मेरा उद्देश्य है। साथ ही मौन के सवाल पर जवाब देते हैं कि इससे ऊर्जा का संचय होता है, जो विश्व कल्याण के काम आती है।
महंत ओम के तीन पहिये वाहन में ही किचन और बेडरूम
मेले में दिल्ली से आए महंत ओम के तीन पहिये वाहन में किचन और बेडरूम है। इसी में आराम करते हैं और खाना भी बना लेते हैं। ड्राइविंग सीट के बगल में खाना बनाते हैं। उन्होंने बताया कि गाड़ी ही मेरा घर है। इसमें ही किचन है, साथ ही लेटने के लिए सीट भी बेड की तरह रखी गई है।

मेला प्राधिकरण दफ्तर के बाहर खड़ी यह गाड़ी तीन पहिये वाली है। बाबा कहना है कि वह इससे देश का भ्रमण करते हैं। उन्होंने बताया कि देश के किसी भी कोने में जाना होता है तो गाड़ी को चलाकर जाते हैं।
जहां कहीं भी रुकना होता है तो गाड़ी में ही खाना बनाते हैं और विश्राम करते हैं। हालांकि, जमीन नहीं मिलने की वजह से वह मेला प्राधिकरण के बाहर रह रहे हैं। बाबा प्राधिकरण के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि उनको भी जमीन आवंटित कर दी जाए, ताकि वह अपने कैंप में जाकर रह सके।

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