जनपद में 13 फरवरी तक चलेगा कुष्ठ रोगी खोज अभियान

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा 

  • घर-घर जाकर कुष्ठ रोगी खोजेंगी स्वास्थ्य विभाग की टीम

बुलंदशहर, 31 जनवरी 2022 : जनपद को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। अभियान को सफल बनाने के लिए 3977 टीम लगाई गई हैं, जो 13 फरवरी तक राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी। विभाग की टीम शहरी एवं देहात क्षेत्र में घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोगियों की तलाश करेंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह ने बताया अभियान में मिले संभावित मरीजों की जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से परामर्श और उपचार शुरू किया जाएगा।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. बसंत लाल ने बताया- जनपद में 13 फरवरी तक राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत टीम घर-घर जाकर लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करेंगी। आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उन्हें चिन्हित करेंगी। संभावित मरीजों की जांच के लिए नमूने लैब में भेजे जाएंगे।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया- राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनपद में 3977 टीम गांव-गांव घर-घर जाकर रोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को दवा उपलब्ध करायी जाएगी। यद दवा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी  मिलेंगी। डॉ. सिंह ने बताया – जनपद में दस दिवसीय ‘स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’ के तहत दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिता, जनसंदेश, पम्पलेट्स द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

पहासू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सभागार में मंगलवार को कुष्ठरोग जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुष्ठरोग के लक्षण बताए गये। अभियान को सफल बनाने के लिए ब्लॉक स्तर पर 166 टीम बनाई गई हैं, जो घर-घर जाकर लक्षण के आधार पर कुष्ठ रोग के संभावित मरीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजेंगे। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर मरीजों का उपचार किया जाएगा।

 

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क्या है कुष्ठ रोग

इस रोग के संक्रमण का कारण बैक्टीरिया होता है, जिसे माईकोबैक्टीरियम लेप्री कहा जाता है, जो  त्वचा को प्रभावित करता है तथा रोगी की तंत्रिकाओं को नष्ट कर देता है। यह रोग आंख  और नाक में समस्याएं पैदा कर सकता है।

 

यह हैं लक्षण

– त्वचा पर थोड़े लाल, गहरे या हल्के धब्बे

– धब्बों में सुन्नपन

– त्वचा के प्रभावित हिस्से से बालों का झड़ना

– हाथ-पैर की उँगलियों का सुन्न होना

– आंखों की पलक झपकने में कमी आना

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