कड़ी मेहनत और लगन से गैर उपजाऊ जमीन में तैयार कर दी नींबू की बागवानी
- कड़ी मेहनत और लगन से गैर उपजाऊ जमीन में तैयार कर दी नींबू की बागवानी
- वर्मी कंपोस्ट एवं जैविक खाद से नींबू की बागवानी में हो रहा तेजी से ग्रोथ
- वर्मी कंपोस्ट एवं जैविक खाद की बदौलत सपना हुआ साकार
शिवगढ़,रायबरेली। कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो प्यार से उछाल कर देखो यारो इस कहावत को शिवगढ़ क्षेत्र के गुमावा गांव के रहने वाले प्रगतिशील कृषक मुकेश यादव व काशी विश्वनाथ प्लांनिटिंग जैविक, वर्मी खाद एण्ड फर्टिलाइजर के प्रोपराइटर एवं प्रगतिशील कृषक सूरज सिंह ने सच साबित कर दिखाया है।
गौरतलब हो कि शिवगढ़ क्षेत्र के गुमावा गांव के रहने वाले मुकेश यादव और सूरज सिंह ने आपस में मिलकर धान, गेहूं एवं सब्जियों की फसल से हटकर फलों की तकनीकी एवं ऑर्गेनिक खेती करने का निर्णय लिया और 6 माह पूर्व राजस्थान के जयपुर से कागजी नींबू के 200 पौधे मंगाकर 2 एकड़ में नींबू की ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की। जिनकी लगन और मेहनत के परिणाम स्वरूप लगभग सभी पौधे लगने के साथ ही फूलने और फलने लगे हैं।
सूरज सिंह बताते हैं कि जिस जमीन में तकनीकी ढंग से नींबू की ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की है उस जमीन पर खेती नहीं होती थी। लोग कहते थे इस जमीन में नींबू की बागवानी तो छोड़ दीजिए धान, गेहूं की भी पैदावार नही होगी। किंतु उन्होंने हार नहीं मानी केंचुए की वर्मीकम्पोस्ट एवं जैविक खाद से उन्होंने अपने सपने को साबित कर दिखाया।
वर्मीकंपोस्ट खाद के प्रयोग से नींबू के पौधों में अच्छा ग्रोथ होने के साथ ही 6 माह में ही नींबू के पेड़ों में फूल और फल आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय सिर्फ जरूरत भर के नीबू लेते हैं अधिकांश फलों को तोडकर फेक देते हैं ताकि पौधों का और अच्छा ग्रोथ हो। सूरज सिंह ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वे केचुआ पालन करके वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करते हैं जिसका प्रयोग अपने खेतों में करने के साथ ही 2 से 3 किलो के पैकेट बनाकर उसकी फुटकर और थोक सप्लाई रायबरेली जिले में करते हैं। उन्होंने बताया कि केचुआ खाद पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है।
वर्मी कंपोस्ट खाद केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है। सूरज सिंह और मुकेश यादव बताते हैं कि उन्होंने यह सोच कर नींबू की खेती की शुरुआत की है कि क्षेत्र के व्यापारियों को सस्ते दामों में नीबू उपलब्ध कराए जाएं साथ ही गरीब बेटियों की शादी में सलाद आदि के लिए नि:शुल्क नींबू देकर जरूरतमंदों की मदद की जाए। उन्होंने बताया कि शुरुआती तौर पर उन्होंने 2 एकड़ में नींबू की बागवानी तैयार की है आगे चलकर बड़े पैमाने पर नींबू की बागवानी लगाएंगे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी