जनपद के 245 स्वास्थ्य केंद्रों पर मना एकीकृत निक्षय दिवस
- टीबी जांच के लिए संभावित मरीजों के बलगम के नमूने लिये
- जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत शुरू होगा उपचार
बुलंदशहर। जनपद के शहरी व देहात की 245 चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्लूसी) पर गुरुवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संभावित मरीजों की टीबी की स्क्रीनिंग की गई, उनके बलगम के नमूने भी लिए गए। इस दौरान लोगों को टीबी के लक्षण बताए और रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया – गुरुवार को जनपद के 245 स्वास्थ्य केंद्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। इस दिवस पर आए समस्त संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की गई, बलगम के नमूने लिये गये। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उनका उपचार शुरू किया जाएगा। एकीकृत निक्षय दिवस पर चिकित्सक और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने मौजूद लोगों को टीबी के लक्षण व उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि टीबी के उपचार के साथ-साथ पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को ₹500 प्रतिमाह दिये जाते हैं। यह राशि मरीज के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हेमंत रस्तोगी ने बताया- टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले, हड्डी आदि में भी टीबी हो सकती है। सबसे कॉमन फेफड़ों की टीबी है, जो कि हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। टीबी के मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वाली बारीक बूंदों से यह फैलती है। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में सामान्यत: नहीं फैलती है। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। इसलिए टीबी के लक्षण नजर आने पर जांच करानी चाहिए।
बचाव के तरीके
– दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर चिकित्सक को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें। चिकित्सक के बिना परामर्श के दवा बंद न करें।
– मास्क पहनें या हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन या रुमाल से कवर करें।
– मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूके और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाले। यहां-वहां नहीं थूकें।
– मरीज हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहें। साथ ही एसी से परहेज करें।
– पौष्टिक खाना खाएं,व्यायाम व योग करें।
– बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।
– भीड़-भाड़ वाली और गंदी जगहों पर जाने से बचें।
– बच्चे के जन्म पर सभी टीके जरूर लगवाएं।