गुरु पुष्य नक्षत्र 2024: धनतेरस से पहले बन रहा महायोग, इस दिन खरीदारी करना विशेष फलदायी; जानिए शुभ मुहूर्त
श्री डेस्क : ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 24 अक्तूबर को गुरु-पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। इसके साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी व्याप्त रहेगा। ऐसे में हर प्रकार के कार्य सिद्ध माने गए हैं।
धनतेरस पर खरीदारी श्रेयस्कर मानी जाती है। इस बार इससे पहले ही 24 अक्तूबर को गुरु-पुष्य योग में खरीदारी के लिए विशेष मुहूर्त बन रहा है। बरेली के ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा ने बताया कि इस दिन खरीदारी समृद्धिदायक मानी जाती है। धन की देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। गुरु पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों के समूह का राजा कहा जाता है। पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर को सुबह 11:38 से 25 अक्टूबर दोपहर 12:35 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन गुरु-पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी व्याप्त रहेगा। ऐसे में हर प्रकार के कार्य सिद्ध माने गए हैं। इसलिए सुख-सुविधा को देखते हुए खरीदी करना श्रेयस्कर होगा। गुरु-पुष्य नक्षत्र में सोने-चांदी के आभूषण, चांदी की प्रतिमाएं, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल्स, जमीन, मकान, फैक्टरी आदि में निवेश किया जा सकता है। इस दिन भूमि, भवन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान की खरीदारी विशेष फलदायी मानी जाती है।
लक्ष्मी-नारायण की पूजा का भी है महत्व
गुरु-पुष्य योग में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी को खीर, दूध से बनी मिठाई और भगवान विष्णु को तुलसी दल, पंचामृत, गुड़ आदि का भोग लगाने का विधान है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
अहोई अष्टमी व्रत भी कल
संतान की दीर्घायु और सफलता के लिए किया जाने वाला अहोई अष्टमी का व्रत बृहस्पतिवार को धारण किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में उपासना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत का पारण तारों को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इससे संतान को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23/24 अक्तूबर को रात 1:18 बजे होगा। वहीं, इसका समापन 25 अक्तूबर को रात 1:58 बजे होगा। ऐसे में अहोई अष्टमी का पर्व 24 अक्तूबर को मनाया जाएगा।