2 वर्ष में ही बदहाल होने लगा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शिवगढ़
बेड पर मरीज के स्थान पर रखा जाता है सामान
शिवगढ़ (रायबरेली) नगर पंचायत के शिवगढ़ कस्बे में 30 लाख की लागत से बना आयुर्वेदिक चिकित्सालय 2 वर्ष में ही बदहाल होने लगा है। इससे पूर्व आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिछले कई दशक से किराए के भवन में संचालित हो रहा था। वर्ष 2022 में आयुष विभाग द्वारा 30 लाख की लागत से कस्बे में पशु-चिकित्सालय के समीप नये भवन का निर्माण कराया गया लेकिन मानक के हिसाब से निर्माण न होने के कारण 2 वर्ष में ही अस्पताल जर्जर होने लगा जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों में गहरा रोष व्याप्त है।
आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेदिक राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शिवगढ़ का निर्माण 30 लाख की लागत से कराया गया 2022 से निर्माण शुरू हुआ 2024 में निर्माण पूरा हो गया 6 मार्च 2024 को ऑनलाइन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अस्पताल का लोकार्पण किया गया। मानक के हिसाब से भवन का निर्माण न होने के कारण जहां फर्श टूट रही हैं तो वहीं प्लास्टर भी उखड़ रहा है। बेडों पर मरीजों के स्थान पर सामान रखा हुआ है। क्षेत्र के संदीप कुमार, जीवन पाठक, रिपू सूदन मिश्रा, मनोज कुमार, देवतादीन,रामहर्ष सहित सैकड़ो लोगों का कहना है कि अस्पताल में दवाइयां बहुत कम रहती है। जिस कमरे में मरीज को भर्ती करने की व्यवस्था है वहां पर सामान रखा हुआ है। कभी डॉक्टर तो कभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तो कभी फार्मासिस्ट नदारत रहते हैं। मानक के हिसाब से निर्माण न होने से 2 साल में ही भवन जर्जर होने लगा है जिसकी जांच होनी चाहिए।
पराग प्रसाद रावत,रामकिशोर मौर्य का कहना है कि सरकार जन आरोग्य योजना चलाकर गरीब परिवार की सेहत की फिक्र भले ही कर रही है लेकिन, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में दवा व संसाधनों का अभाव बना हुआ है।
आयुर्वेदिक चिकित्सालय की डॉक्टर स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि फार्मासिस्ट छुट्टी पर है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी माया देवी आती है।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी रायबरेली डॉक्टर रवि सोनकर ने बताया कि कार्यदाई संस्था यूपीपीसीएल द्वारा इसका निर्माण कराया गया था यदि प्लास्टर उखाड़ने लगा है तो इस संस्था को पत्र लिखकर अवगत अवगत कराया जाएगा।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी