गांवों में फिर चलें, महानगर को छोड़ दो : डॉ.रसिक किशोर सिंह नीरज
फतेहपुर : लालीपुर ग्राम महोत्सव लालीपुर में आयोजित “”शब्दछांव” साहित्यिक संस्था फतेहपुर का कवि सम्मेलन प्रदेश देश के प्रमुख गीतकार जय राम “जय” जी की अध्यक्षता में एवं संचालन विधा के धनी अनुज नीरज पांडेय् जी के संचालन में, साहित्य के प्रति अपने शेष जीवन को समर्पित कर चुके वरिष्ठ साहित्यकार शब्द छांव संस्था के मुख्य समन्वयक आदरणीय श्रवण कुमार पांडेय “पथिक ” जी के आयोजन संयोजन में 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुआ,,,।
शब्द छांव कवि समेलन मे बही काव्य की सरस शब्द भाव निभाव धार मे लालीपुर के सुधी श्रोताओं ने जी भरके गोते लगाया , सूर्य की रोशनी में 2 बजे से प्रारम्भ हुआ, शब्द भाव समागम शाम 7 बजे तक विद्युत रोशनी में ,,
निरंतर अभूतपूर्व उंचाईयां स्पर्श करता रहा,,,।
वास्तव में बहुत कुछ अद्भुत, अभूतपूर्व रहा,।।
मेरे द्वारा की गई वाणी वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ,,,
दीपचन्द्र गुप्ता “दीप” जी के प्रथम गीत ने ही वातावरण मे काव्य रस घोला और फिर तो काव्यरस की सुरसरिता शब्दछांव मंच मे अविरल प्रवाहित हो चली,
श्री अवध किशोर सौमित्र की प्रेरक कविता,भाई म्हेन्द्र सिंह डब्ल्यू शम्भु की नीति रचना ने दिशा दी,भाई लवलेश य़दुवंशी के फड़क धमक गमक भरे ओज गीतों ने माहौल को हिलाकर रख दिया , ।
शशिबाला शशि रायबरेली के गीतों ने प्रशंसा बटोरी ,,संदीप शरारती , रायबरेली के हास्य के मीठे नश्तरो की चुभन ने लोगों को रोमांचित किया, ।सौरभ शुक्ला सौम्य के मधुर भावना भरे गीत गूंजे।
डॉ.रसिक किशोर सिंह नीरज गीतकार बांदा ने जीवन से जुड़े ” गांवों में फिर चलें, महानगर को छोड़ दो। मर्माहत मानव के जीवन में मोड़ दो।।
गीत ने लोगों को सोंचने को मजबूर कर दिया,।
गोविन्द गजब के बेटी सन्दर्भ के सम्बेदना गीत ने जहां लोगों की आंखें नम कर दीं, वहीं उत्कर्ष “उत्तम” के हास्य व्यंग के गीतों ने अकूत करतल ध्वनि समेटी,
गूंजते रहें. कवि सम्मेलन के संचालक श्री नीरज पांडेय के ओज भरे गीतों मे वह सब है जिसकी समाज को आज सर्वाधिक जरुरत है,
श्रवण कुमार पांडेय पथिक जी के व्यवस्था को रेखांकित करने वाले जमीन से जड़े गीत
घर की रसोई हार गई, रोटी हारी तंदूरी से,
पुरखन की पुरान देहरी होटलन से हार गई,।
की गूंज ने समाज को झिंझोड़ कर रख दिया,सभी रचना धर्मियो ने अपनी दमदार कविताओ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया,
बहुत बहुत धन्यवाद सुधी श्रोताओं को,।
नमन लालीपुर की नित्य प्रणम्य धरा को,।।
शब्दछांव साहित्य संस्था की नई खोज श्री योगेश कुमार प्रजापति बांदा की राष्ट्र वाद की कविताओ ने सभी श्रोताओ को भावुक करते हुए आत्म समीक्षा के लिए विवश कर दिया,,||
शब्द छांव संस्था ने
शशि बाला श्रीवास्तव को ,, शशि,,,
महेंद्र सिंह डब्ल्यू जी की,,, शम्भु,,,
युवा कविसौरभ शुक्ल को,, सौम्य,,
उपनाम भी प्रदान किया,,,।
कुल मिलाकर शब्द छांव का मंच श्रेष्ठतम मंच साबित हुआ, यह मंच कुछ अलग श्रेष्ठतम किस्म का है,,।
यह बात सभी को पता है कि अग्रज दादा श्रवण कुमार जी इस आयोजन का व्यय भार बिना किसी अन्य के आर्थिक सहयोग से अकेले उठाते हैं इसलिए इस मंच में कवि बन्धु वित्तलोभ से सर्वथा मुक्त होकर काव्य पाठ करने आते हैं,श्रेष्ठ कवि इस मंच पर काव्य पाठ की अभिलाश रखते हैं,।
लाली पुर ग्राम महोत्सव लालीपुर के संयोजक अमित तिवारी चिक्कू महराज,,,,व्यव्स्था प्रमुख धर्मेंद्र अवस्थी, ,,,शब्द छांव सचिव योगेश मणि पांडेय,,,, शब्द छांव मंच व्यवस्था प्रभारी महेन्द्र सिंह डब्ल्यू ,, शंम्भु,,स्वल्पाहार प्रभारी राजेश तिवारी के प्रबन्धन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ,,,