आदर्श एवं उन्नतशील बागवानी से महक उठी जीवन की बगिया
- उसरीली मिट्टी को उपजाऊ बनाकर तैयार कर दी आदर्श बागवानी
- प्रगतिशील कृषक नन्दकिशोर तिवारी और उनकी पत्नी अनुपमा तिवारी से लोग ले रहे प्रेरणा
- महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी अनुपमा तिवारी
- राष्ट्रपति द्वारा नन्दकिशोर तिवारी किए जा चुके हैं सम्मानित
शिवगढ़,रायबरेली। इंसान वही जो रोते हुए को हँसा दे, विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी पहचान बना ले, न रुके, न थके जो किसी भी हाल में,इंसान वही जो ऊसर भूमि में भी फूल खिला दे। इन पंक्तियों को शिवगढ़ नगर पंचायत के भवनपुर के रहने वाले पूर्व पिपरी प्रधान एवं प्रगतिशील कृषक नन्द किशोर व उनकी धर्मपत्नी पूर्व प्रधान अनुपमा तिवारी ने चरितार्थ कर दिखाया है। 1980 में नन्दकिशोर तिवारी अपनी पत्नी अनुपमा के साथ सघन संस्थान लखनऊ गए। वहीं पर उनके मन में विचार आया कि क्यों न पर्यावरण को बचाए रखने के लिए गांव में एक आदर्श एवं उन्नतशील बागवानी तैयार की जा जाए जिससे लोग प्रेरणा लें। किन्तु उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी जिस जमीन पर उनके बाबा और पिताजी बाग लगाए थे वहीं की मिट्टी ऊसरीली थी जिसके कारण अधिकांश पेड़ सूख चुके थे।
एक आदर्श, उन्नतशील बागवानी तैयार करने के लिए उसरीली मिट्टी को उपजाऊ बनाना था। मन में दृढ़ संकल्प के साथ लखनऊ से लौट कर आए नन्दकिशोर तिवारी जैविक एवं गोबर की खाद डालकर उसरीली मिट्टी को उपजाऊ बनाने में जुट गये। जिन्होंने कठिन मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से करीब 1 हेक्टेयर में गोबर की खाद डालकर मिट्टी को ऐसा बना दिया कि कश्मीर में पैदा होने वाले सेब, नाशपाती, लीची,चीकू, तमिलनाडु, कर्नाटक में पैदा होने वाले नारियल,मोसम्मी, अंजीर, कमरख,किन्नू, फासला ,संतरा अलूचा, नींबू, देशी आम, दशहरी आम, चौसा, सफेदा,अलूचा, मलीहाबादी, इलाहाबादी अमरूद, राजस्थानी अमरुद,खिन्नी, अंजीर, अंगूर, शरीफा, एप्पल बेर,पपीता की आदर्श बागवानी तैयार की इसके साथ ही फूलों में गुलाब, हर श्रंगार, गुड़हल रातरानी, चमेली, चंपा, चांदनी, बेवन बेलिया,बेला, मालती, वाटर ब्रश, गेंदा, गुल्दावरी आदि सब्जियों में लोबिया भिंडी, तोरई, लौकी, कद्दू, खीरा, ककड़ी,तरबूज, मसाले में मिर्च, धनिया,लहसुन, कलौंजी, प्याज, अनाज में धान,मक्का, गेहूं, मटर, सरसों ,उड़द, मूंग, सूरजमुखी।
औषधि में तुलसी, पोदीना,मेंथा आदि की उन्नतशील खेती करने, कुछ ही सालों में उनकी बागवानी को देखने के लिए लोग बाहर आने लगे। आदर्श बागवानी से गांव में सृजित हुए स्वच्छ वातावरण से निर्मल भारत ग्राम योजना के तहत श्री तिवारी को वर्ष 2007 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और उन्हें ग्राम पंचायत के विकास के लिए ढाई लाख का पुरस्कार दिया गया। नंदकिशोर तिवारी बताते हैं कि उनकी बागवानी केवल मेहनत पर आधारित है जिसमें उनकी धर्म पत्नी अनुपमा का पूरा सहयोग है।
नहीं करते रासायनिक खाद का उपयोग
बाहर से अलग-अलग जलवायु के पेड़ लाकर लगाना और उनको पुष्पित और पल्लवित करने के लिए मेहनत करना ही नन्दकिशोर तिवारी का उद्देश्य है उन्होंने बताया कि बागवानी और फसलों में रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करते हैं जिसके चलते उनकी बागवानी से उत्पादित फल और खेतों से उत्पादित फसलें सेहत के लिए फायदेमंद होती है।
खेती को उपजाऊ बनाने के लिए किया पशुपालन
बागवानी को सही सलामत रखने के लिए श्री तिवारी सन 1982 से पशुपालन कर रहे हैं जिससे अच्छा दुध उत्पादन करने के साथ ही खेत और बागवानी के लिए गोबर की खाद तैयार करते हैं इसके साथ ही उनके यहां गोबर गैस से घर का खाना भी बनता है।
सोनिया और प्रियंका देख चुकी है बागवानी
बागवानी को देखने सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी आकर प्रशंसा कर चुकी हैं। तीन बार नन्दकिशोर तिवारी और एक बार उनकी पत्नी अनुपमा तिवारी बार ग्राम पंचायत पिपरी की प्रधान रह चुकी हैं प्रतिदिन सुबह 4 बजे उठकर दोनों लोग बागवानी की देखरेख करते हैं। तिवारी जी बताते हैं यह बागवानी हमने पिता रामस्वरूप के नाम से तैयार की है। बाबा और पिताजी के सपने को हमने पूरा किया मेरे पिता चाह रहे थे कि एक सुन्दर बागवानी हो जिसमें हर तरह के पौधे हो। जिनके फलों का गांव के लोग सदुपयोग करें और ग्रामीणों को स्वच्छ प्राणवायु मिले।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी