पिता का सहारा बने प्रगतिशील कृषक सुनील कुमार मौर्या
शिवगढ़,रायबरेली। जिस उमर में लोग पिता का साथ छोड़ देते हैं, उस उमर में शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती गांव के रहने वाले सुनील कुमार मौर्या एक प्रगतिशील कृषक बनकर पिता के कंधे से कंधा मिलाकर फूल की खेती कर रहे हैं। सुनील कुमार मौर्या के पिता हजारी लाल मौर्या ने सन 2000 में फूल की खेती शुरू की थी। पिता की उम्र ढलने पर पिता का सहारा बनकर सुनील कुमार मौर्या गुलाब, गेंदा, गुलदावरी, बेला, नवरंग,बेला, बिजली,ग्लैडियस, रजनीगंधा सहित फूलों एवं सब्जियों की खेती कर हैं।
सुनील कुमार मौर्या बताते हैं कि फूल की खेती करने का अनुभव उन्हें अपने पिता जी से मिला है। पिताजी के साथ मिलकर खेती करने में आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि सन 2000 से पहले उनके यहां सिर्फ अनाज और सब्जियों की खेती की जाती थी। सन 2000 में जब फूल की खेती की शुरुआत की तो देखने को मिला कि सब्जियों उड़ान आज की खेती की अपेक्षा फूल की खेती में अधिक लाभ है तबसे बड़े पैमाने पर फूल की खेती करने लगे। उन्होंने बताया कि फूल की खेती से अच्छा लाभ मिल रहा है आज इसी की बदौलत उनका परिवार सुखी और सम्पन्न है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी