Establishment of Organic Testing Lab and Tissue Culture Lab will rejuvenate the state's agriculture - Surya Pratap Shahi

आर्गेनिक टेस्टिंग लैब तथा टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना से होगा प्रदेश की खेती का कायाकल्प- सूर्यप्रताप शाही

 कृषि विश्वविद्यालयों ने टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना पर किया प्रस्तुतीकरण

लखनऊ। टिश्यू कल्चर लैब उ0प्र0 में कृषि क्षेत्र का कायाकल्प करने तथा आर्गेनिग टेस्टिंग लैब कृषि उत्पादों की जांच कर अंतरराष्ट्रीय बाजारों के मानकों के अनुसार प्रदेश की कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार से अधिक लाभ कमाने का मौका देंगे, जिससे प्रदेश के किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। यह बात शुक्रवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने विधानभवन में आयोजित एक प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम के दौरान कही।

कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केला, आलू, गन्ना, बांस तथा अंजीर की खेती को किसानों के लिए अधिक लाभदायी बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की जानी प्रस्तावित है। इसके साथ ही प्रदेश की कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आर्गेनिक टेस्टिंग लैब भी स्थापित किए जाने है। दोनों प्रकार की प्रयोगशालाओं की स्थापना पर सभी संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा मंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया।

उक्त प्रयोगशालाओं की प्रस्तावित स्थापना पर कृषि मंत्री ने कहा कि आर्गेनिक उत्पादों की टेस्टिंग के लिए अभी तक हमें अन्य प्रदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था जिससे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे कृषि उत्पाद पैदा करने वाले प्रदेश के किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता था।

यह आर्गेनिक टेस्टिंग लैब एन0ए0बी0एल0 सहित यूरोप तथा अमेरिका के मानकों के अनुसार उत्पादों की जांच कर सकेंगे। इसके साथ टिश्यू कल्चर लैब अच्छी गुणवत्ता वाले केले, आलू, गन्ना, बांस तथा अंजीर की उन प्रजातियों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगी जो किसानों की मांग को पूरा कर सकेंगे।

कृषि मंत्री ने बांदा, अयोध्या तथा मेरठ कृषि विश्वविद्यालयों में प्रस्तावित ऑडिटोरियम का प्रस्तुतीकरण भी देखा। उन्होंने अपेक्षित सुधारों पर सुझाव दिए तथा अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऑडिटोरियम के निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों को निर्देश दिए कि वे अपनी समस्त प्रापर्टी का रजिस्टर बनाएं तथा अपनी कृष्य भूमि का विवरण भी दर्ज करें। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को इस बात के लिए भी निर्देशित किया कि यह वर्ष कृषि विभाग की स्थापना का 150वां वर्ष है, इसलिए इस मौके पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे विभागीय योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने में और अधिक सक्रियता आ सके।

इस अवसर पर कृषि राज्यमंत्री, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव, कृषि रविन्द्र, निदेशक कृषि, उपकार के महानिदेशक, संजय सिंह, अयोध्या तथा कानपुर कृषि विश्वविद्यालयों के उप-कुलपति तथा कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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