शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले डीयू प्रोफेसर डा. रतन लाल को मिली जमानत
दिल्ली में भारी विरोध प्रदर्शन के चलते वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले डीयू प्रोफेसर डा. रतन लाल को दिल्ली की कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल को 50 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर जमानत दे दी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें शुक्रवार रात को गिरफ्तार किया। डॉ रतनलाल के खिलाफ धर्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने रतन लाल के खिलाफ वो केस दर्ज करवाया था। इसके अलावा कानपुर में भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले रतन लाल की तरफ से सोशल मीडिया पर शिवलिंग को लेकर एक पोस्ट किया गया था। उन्होंने अपने विचार रखते हुए एक ऐसा दावा कर दिया जिसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना गया। आज तक से बातचीत में प्रोफेसर रतन लाल ने कहा, ‘इतिहास का छात्र हूं और इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है। अगर आधा गिलास पानी है तो आप कह सकते आधा भरा हुआ है और आधा खाली है। जो शिवलिंग की बात कही जा रही है वह तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है।’ लेकिन उनकी इस सफाई के बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने इस बारे में कहा था कि डॉ। रतन लाल डीयू के हिंदू कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उनके खिलाफ कल रात एफबी पर जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट के बारे में शिकायत मिली थी। आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को अपमानित किया है।