जिलाधिकारी ने पशुओं की सुरक्षा एवं लू से बचाव हेतु जागरूकता पर बैठक की

रिपोर्ट – मुन्ना सिंह 

बाराबंकी : लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिये तैयारी तथा कार्ययोजना को मूर्त रूप दिये जाने के संबंध में जिलाधिकारी ने डीआरडीए गांधी सभागार में बैठक करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने हीट-वेव प्रबन्धन हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि पशुओं की सुरक्षा हेतु हीट-वेव एक्शन प्लान तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन करें। साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो तथा पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा एवं लू से बचाव हेतु जागरूक किया जाये तथा गौशालाओं में संरक्षित गौवंश हेतु पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी, छाँव, चारा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मवेशियों की सुरक्षा के लिये गर्मी के समय पशु प्रबंधन पर पशुधन के किसानों के बीच जागरूकता लाने के लिये ग्राम स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारियों और गोपालकों को सक्रिय करेंगे। सार्वजनिक स्थानों में लू से बचाव के लिये पशु प्रबंधन पर उपायों को पोस्टर के माध्यम से प्रकाशित कराना, मवेशियों के लिये पीने के पानी की उचित व्यवस्था करना, पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण कार्य नियमितरूप से संचालित किये जाये साथ ही पशु केन्द्रो पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो तथा पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा एवं लू से बचाव हेतु जागरूक किया जायें। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को समस्त शैक्षिक संस्थानों में छात्र/छात्राओं हेतु पेयजल तथा विद्यालयों में पावर सप्लाई व पंखे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों, चौराहों व आवश्यकतानुसार सम्बन्धित ग्रामों में पानी की टंकी/टैंकरों आदि की व्यवस्था कराना सुनिश्चित के साथ ही *ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के माध्यम से के तालाबों में पानी भरवाने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायतों व पंचायतीराज विभाग को अपने-अपने क्षेत्र में खराब हैण्डपम्पों की तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अग्निशमन विभाग को निर्देशित किया कि लू के मद्देनजर विभाग द्वारा मुख्यालय एवं तहसीलों में स्थापित उप केन्द्रों को आवश्यक संसाधनों सहित क्रियाशील रखा जाये एवं अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक करें। विभिन्न क्षेत्रों में यदि आग लगने पर अग्निशमन के वाहन जाने लायक नही है तो वहां पर भी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये।

जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि बड़े बस स्टैण्डों/टर्मिनलों पर प्राथमिक चिकित्सा, छाया एवं पेयजल की व्यवस्था, मैकेनिकल/इलेक्ट्रिक सिस्टम (पंखा/एसी) का प्राथमिकता के आधार पर समुचित रखरखाव तथा ट्रेनों एवं रेलवे स्टेशनों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाये। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा विभाग, वन विभाग, मनरेगा विभाग के अधिकारियों को ग्रीष्मकाल की तैयारियों एवं हीटवेव कार्य योजना के सम्बन्ध में निर्देशित किया। उन्होने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों का शत् प्रतिशत निर्वहन करें और दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करायें, लापरवाही कदापि न बरते।

जिलाधिकारी ने हीट स्ट्रोक से बचाव के संबंध में ‘क्या करें, क्या न करें’’ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि प्रचार माध्यमों में सूचित हीट वेव (लू) संबंधी चेतावनी पर ध्यान दें। अधिक से अधिक पानी पियें। यदि प्यास नहीं भी हो तब भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले ढ़ीले वस्त्र पहनें। धूप के चश्में, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। यदि खुले में कार्य करने की आवश्यकता हो तो सिर, चेहरा, हाथ और पैरों को कपड़े से ढ़क कर रहें तथा छतरी का प्रयोग करें ललू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोंछें तथा चिकित्सक से संपर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ ले जायें।

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