धर्म नगरी बन चुका शिवगढ़ क्षेत्र का देहली गांव

  • देवी-देवताओं के दर्शन के लिए उमड़ता है आस्था का सैलाब
  • श्री साईंनाथ के भण्डारे में गैर जनपदों से आते हैं हजारों श्रद्धालु
  • सच्चे मन से दर्शन के लिए आने पर पूर्ण हो जाती है मनोकामना

शिवगढ़,रायबरेली। धर्म नगरी बन चुका शिवगढ़ क्षेत्र का देहली गांव किसी तीर्थ स्थल से कम नही है।जहाँ स्थित श्री साईंनाथ का भव्य मन्दिर क्षेत्र ही नहीं समूचे जनपद में मशहूर है। जिसके पास दक्षिण दिशा में स्थित बजरंगबली, मां दुर्गा, राधा-कृष्ण, भैरवनाथ, शनिदेव का भव्य मन्दिर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बन चुका है। जहां प्रतिदिन दूर दराज से सैकड़ों श्रद्धालु आकर मन्दिरों में पूरी सिद्दत के साथ माथा टेककर मनवांछित मनोकामनाएं मांगते हैं।

दिन-ब-दिन इस धर्म नगरी के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ती जा रही है। गौरतलब हो कि देहली गांव के रहने वाले श्याम सुन्दर पांडेय एक लम्बे अरसे से अपने परिवार के साथ राजधानी लखनऊ में निवास करते हैं किन्तु उनका अपनी मातृभूमि के कभी प्रति लगाव कम नही हुआ। वर्ष 2010 में श्याम सुन्दर पांडेय एवं सरला पाण्डेय ने पूण्य की लालसा से पिता स्व.ईश्वरदीन पाण्डेय की स्मृति में श्री साईंनाथ के भव्य मन्दिर का निर्माण कराकर 24 जून 2010 को मन्दिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी। दिन-ब-दिन मन्दिर के प्रति बढ़ती आस्था को देखते हुए मन्दिर के संस्थापक श्याम सुन्दर पांडेय और उनकी धर्मपत्नी सरला पाण्डेय व उनके पुत्र संजय पांडेय,पंकज पांडेय द्वारा पास में ही बजरंगबली, मां दुर्गा जी,राधा-कृष्ण, भैरवनाथ,शनि देव के भव्य मन्दिर का निर्माण कराया गया।

जिनमें स्थापित भव्य एवं दिव्य मूर्तियां राजस्थान से मंगायी गयी थी। वहीं वर्षों पूर्व बगल में एक विशालकाय धर्मशाला का निर्माण कराया गया था जहां हर साल श्री साईंनाथ के भण्डारे का आयोजन किया था। इस धर्मशाला में एक साथ 2,000 से अधिक श्रद्धालु बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।

इस बार 11 मई को होगा श्री साईंनाथ का 14वां विशाल भण्डारा

मन्दिर के संस्थापक श्याम सुन्दर पांडेय ने बताया कि निकाय चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए हर साल 4 मई को होने वाला श्री साईंनाथ का विशाल भण्डारा इस बार 11 मई को आयोजित किया जाएगा, उन्होंने श्रद्धालुओं से आगामी 11 मई को ज्यादा से ज्यादा संख्या में भण्डारे में पहुंचने की अपील की है।

क्या कहते हैं श्रद्धालु…

मन्दिर के संस्थापक श्याम सुन्दर पाण्डेय ने बताया कि मानव कल्याण के उद्देश्य से मन्दिर का निर्माण कराया गया है। श्री साईंनाथ की ऐसी कृपा है कि मैं कहीं भी रहूं हर बृहस्पतिवार को श्री साईनाथ मुझे अपनी सेवा के लिए बुला लेते हैं।

मन्दिर के पुजारी पं. राजबहादुर पांडेय ने बताया कि यहां किसी भी श्रद्धालु के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है। यहां रायबरेली जनपद ही नहीं गैर जनपदों से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

बैंती गांव के रहने वाले पवन बाजपेई बताते हैं कि मंदिरों में दर्शन के बाद मन को जो आनन्द की प्राप्ति होती है उसको अपने शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि यहां आने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

देहली गांव के रहने वाले रामकुमार दीक्षित का कहना है कि जो एक बार मन्दिरों में दर्शन के लिए आ जाता है, जीवन भर के लिए भगवान से उसकी ऐसी डोर बंध जाती है कि वह दोबारा आए बगैर नहीं रह पाता है।

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