श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ा जनसैलाब
रिपोर्ट मुन्ना सिंह
बाराबंकी : बनीकोडर जब जब धरती पर आसुरी शक्तियों का अत्याचार बढ़ा है, तब-तब भगवान ने किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं असुरों का विनाश करने के लिए अवतरित होना पड़ता है। विष्णु अवतारी भगवान राम ने राक्षसों का विनाश कर के साधु-संतों एवं भक्तों का कल्याण ही नहीं किया बल्कि इंसान को माता पिता गुरु संतों की सेवा करने की प्रेरणा दी ।
उक्त बातें मनीराम छावनी अयोध्या से पधार कर आए पंडित कथा व्यास श्रीमद् भागवत कथा के छठवें श्री मधुकर तिवारी कल्याणी तट सहादतगंज भगवान शिव के प्राचीन मंदिर के प्रांगण में कहीं । उन्होंने कहा कि त्रेता युग में जब रावण का अत्याचार बड़ा और उसके द्वारा अत्याचार की सारी सीमाएं तोड़ना शुरू कर दिया तो भगवान विष्णु को अपने 4 अंशों के साथ चक्रवर्ती सम्राट अयोध्या नरेश राजा दशरथ के यहां उनके पुत्र के रूप में अवतरित होना पड़ा। जिसके बाद भगवान राम ने सबसे पहले ताड़का नामक राक्षसी का वध किया ।आगे कथावाचक ने कहा कि भगवान राम विष्णु अवतारी थे उनका जन्म इसी लिए हुआ था कि उनके द्वारा असुरों का संहार हो सके और जिस प्रकार से भगवान राम ने अपने पिता के द्वारा दिए गए आदेश का पालन करते हुए 14 वर्षों तक बनवास धारण कर लिया, ठीक उसी प्रकार लोगों को अपने माता पिता का कहना वह उनकी सेवा करनी चाहिए।
माता-पिता तथा गुरु की सेवा करने में ही सब प्रकार की भलाई है। इस मौके पर आयोजक मोनू यादव महंत रमेश दास जी महाराज ,संदीप यादव ,जितेंद्र कुमार मौर्य, प्रधान प्रतिनिधि प्रेम नारायन यादव ,पूर्व प्रधान अयोध्या प्रसाद मौर्य, भाजपा नेता सर्वेश कुमार यादव आदि तमाम भक्त मौजूद रहे।