खीरों में दर-दर भटक रहे फरियादी, पुलिस नहीं दे रही न्याय
रिपोर्ट – दिवाकर तिवारी
खीरों, रायबरेली। खीरों थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस की कार्यशैली पर उंगलियां उठ रही हैं। ऐसा लग रहा है कि दलालों के हाथों में खेल रही खीरों पुलिस की खराब कार्यशैली से योगी सरकार में भी क्षेत्र में कानून का राज कायम होना मुश्किल है। एक पीड़िता पुलिस कप्तान की चौखट पर पहुंच कर न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हो गई। पीड़िता का आरोप है कि उसके परिवार के लोगों ने उसकी संपत्ति जबरन हथिया लिया है।
पीड़िता और उसकी बेटी से छेड़छाड़ करते हुए जान से मारने की धमकी दिया है। पहले मुकदमा दर्ज करवाने के लिए पीड़िता को थाने के चक्कर लगाने पड़े। जब मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस ने आरोपियों से सांठ गांठ कर लिया और पीड़िता को न्याय नहीं मिल सका। आखिर खीरों पुलिस कानून का कौन सा राज कायम करने पर तुली हुई है।
न्याय के लिए भटक रही रिटायर्ड सीआरपीएफ जवान की बहू और पोती के साथ मारपीट और छेड़खानी की गई। थाना क्षेत्र के देवगांव की रहने वाली महिला ने एसपी को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसके ससुर रिटायर्ड सीआरपीएफ जवान थे। जिनकी हाल ही में मौत हो चुकी है। उसके पट्टीदारों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। पूरी संपत्ति अपने नाम करा लिया है। विरोध करने पर उसके और उसकी बेटी के साथ मारपीट करते हुए छेड़खानी की।
मामले में पुलिस ने देर से ही सही, केस तो दर्ज किया लेकिन दलालों के हाथों में खेल रही खीरों पुलिस ने अभी तक मामले में कोई कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा। एफआईआर से छेड़खानी की धारा हटा दी गई है।
पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में बयान देने से रोक दिया। पीड़िता ने पुलिस कप्तान के साथ ही मुख्यमंत्री योगी से न्याय की गुहार लगाई है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने मामले की जांच करा कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।