ठेकेदार की उंगली पर नाच रहा सीएमओ कार्यालय
– स्वास्थ्य विभाग को थमा रहा बिना जीएसटी के बिल
– पिछले कई सालों से उसकी फर्म पर रिन्यू हो रहा वाहनों का ठेका
– ठेका नही मिलने से नाराज होकर की थी चीफ फार्मासिस्ट शिकायत
उपेंद्र शर्मा /बुलंदशहर : विभागीय अधिकारियों के इशारे पर अपने बहुत कार्यालय को चलते देखा होगा। लेकिन जनपद बुलंदशहर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कुछ उल्टा हो रहा है। बुलंदशहर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एक ठेकेदार की उंगली पर नाच रहा है। यहां ठेकेदार की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि बिना कार्य आदेश के भी काफी कार्य हो रहे हैं। ठेकेदार द्वारा विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को धमका कर पिछली तारीख में कार्य आदेश तैयार कराए जा रहे हैं। सरकार द्वारा काफी समय पूर्व में जीएसटी को लागू किया जा चुका है। जिसके बाबजूद भी कथित ठेकेदार मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर के बिना जीएसटी के बिल थमा रहा है। अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के बिलों सहित कार्यों का विरोध करने पर उन्हें भुगतें की धमकी भी देता है।
बुलंदशहर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कथित ठेकेदार की मनमानी चल रही है। कथित ठेकेदार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तमाम कार्य किया जा रहे हैं विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्य को नियम के अनुरूप किए जाने पर उनके लिए बहुत ने की धमकी दी जाती है। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठेका नहीं मिलने से नाराज होकर कथित ठेकेदार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को भेजी थी। कथित ठेकेदार की शिकायत के आधार पर विभागीय अधिकारियों द्वारा उपरोक्त अधिकारी का स्थानांतरण हो गया था। जिसके बाद से तो कथित ठेकेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बना रहा है। ठेकेदार पर कर्मचारियों अधिकारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप है।
कच्चे ठेकेदार स्थानीय होने के कारण विभागीय अधिकारियों पर विभिन्न आरोप लगा रहा है। कथित ठेकेदार स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में जाकर अपनी मनमानी के तहत कर्मचारियों से कार्यों को करने की धमकी देता है। इतना ही नहीं कुछ कार्यों को बिना कार्य आदेश के ही कर देता है। जनपद के स्वास्थ्य सेवाओं में संचालित टैक्सी गाड़ियों का टेंडर बीते कई साल से नहीं हुआ है। ठेकेदार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाकर नियमों और कानून को ठेंगा दिखाकर उपरोक्त कार्य को रिन्यू कर लिया जाता है। इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को बिना जीएसटी का बिल दिया जा रहा है। जिससे सरकार को काफी राजस्व की हानि हो रही है।