माता-पिता के हाथ में होती है बच्चों की तकदीर : श्रद्धा सिंह
सरस्वती शिशु मन्दिर शिवगढ़ में बसंतोत्सव एवं मातृ सम्मेलन सम्पन्न
छात्राओं ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुपम प्रस्तुति
शिवगढ़,रायबरेली। बसंत पंचमी के पावन अवसर पर क्षेत्र के सरस्वती शिशु मन्दिर शिवगढ़ में बसंतोत्सव एवं मातृ सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ मंत्रोंच्चारण के साथ हवन एवं मां सरस्वती की पूजा से किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय की बहनों ने अपने मृदुल कंठ से मां सरस्वती वंदना, स्वागत गीत तथा बसन्त गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह की पुत्रवधू कुंवर रानी श्रद्धा सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री बरखण्डी महाविद्यालय शिवगढ़ हिन्दी प्रवक्ता डा.संचित त्रिपाठी, सभासद ममता वर्मा को अंग वस्त्र भेंटकर एवं प्रतीक चिन्ह के रूप में मां सरस्वती की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया। कुंवर रानी श्रद्धा सिंह अपने संबोधन ने कहा कि शांति और ठहराव जीवन के 2 लक्ष्य हैं जिनको प्राप्त करने के लिए पाश्चात्य का अनुशरण करने वाले लोग भी महाकुम्भ आ रहे हैं, अपने धर्म को, अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाएं , खासकर महिलाएं,बहने जिनके हाथ में बच्चों की तकदीर होती हैं। यदि अपने बच्चों के अन्दर सही सभ्यता संस्कृति का प्रेरण करें,तो एक बहुत अच्छे राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बचाने एवं बच्चों को संस्कार देने का काम सरस्वती शिशु मन्दिर कर रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवपाल यादव ने अपने संबोधन में कहकि सरस्वती शिशु मन्दिर में बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा दी जाती है ताकि बड़े होकर बच्चे माता-पिता का सम्मान करें, देश के एक अच्छे नागरिक बन सके, एक अच्छे समाज,एक राष्ट्र का निर्माण कर सके। मंच संचालन आचार्या बहन अपूर्वा त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस मौके पर आचार्या,किरन त्रिवेदी आचार्य भानु यादव, अंकित वर्मा, आयुष पाण्डेय, शैलेंद्र कुमार, महादेव, आकांक्षा शुक्ला, अर्पित अवस्थी, किरण पाल, विभा सिंह, सिद्धि सिंह आदि लोगों उपस्थित रहे।

दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी