हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया विद्यापीठ के संस्थापक का जन्मदिन
- राजा श्री बरखण्डी महेश प्रताप ने सुदूर देहात में जलाई थी शिक्षा की ज्योति : राजकुमार गुप्ता
अंगद राही /शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के श्री बरखण्डी विद्यापीठ इण्टर कॉलेज शिवगढ़ में विद्यालय के संस्थापक राजा श्री बरखण्डी नरेश महेश प्रताप नारायण सिंह जूदेव का जन्मदिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रबन्धक कुंवर हनुमत सिंह व विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार गुप्ता द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से किया गया।
प्रधानाचार्य राजकुमार गुप्ता ने संस्थापक के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यालय के संस्थापक का जन्म शिवगढ़ राज परिवार में 20 नवम्बर 1896 को हुआ था जिन्होंने मदन मोहन मालवीय जी से प्रेरणा लेकर 16 जुलाई 1945 को जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर स्थित ग्रामीण अंचल शिवगढ़ में श्री बरखण्डी विद्यापीठ की स्थापना करके शिक्षा की ज्योति जलाई थी। जहां पर आज लगभग ढाई हजार बच्चे मानविकी, विज्ञान वर्ग ,वाणिज्य, और कृषि वर्ग की शिक्षा न्यूनतम शु:ल्क में प्राप्त कर रहे हैं। यह विद्यालय न केवल पठन-पाठन के मामले में जनपद में अपना एक प्रमुख स्थान रखता है, बल्कि खेलकूद और अनुशासन के मामले में भी इस विद्यालय का जनपद में अपना एक प्रमुख स्थान है।
इसके साथ ही रायबरेली का यह एकमात्र ऐसा विद्यालय है जो राष्ट्रीय खेल हांकी को पिछले 6 दशक पूर्व से संरक्षण प्रदान करता चला आ रहा है। जहां हर साल राज्य स्तरीय हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है,जिसमें देश और प्रदेश के मशहूर हॉकी खिलाड़ी खेलने आते हैं। हर साल की तरह संस्थापक के जन्मदिन पर विद्यालय में अध्यनरत निर्धन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वेटर वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त विद्यालय में पढ़ाई, अनुशासन, खेलकूद , पाठ्य सहगामी क्रियाओ में रुचि लेने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। मंच का संचालन शैलेंद्र सिंह द्वारा किया गया।
इस मौके पर शिक्षक लक्ष्मी नारायण, अभयराज सरोज, अभिषेक मिश्रा ,भूपेंद्र कुमार, डॉ. बृजेश ,सुशील शुक्ला ,धीरेंद्र, विजय प्रताप, दिग्विजय सिंह, विजय कुमार ,अविनाश सोनकर, राजेश श्रीवास्तव सत्येंद्र सिंह, आनंद कुमार योगेश झा, जगत बहादुर सिंह ,अजय कुमार सिंह प्रमोद सिंह, मनोज गौतम अरविंद शुक्ला, प्रधान लिपिक राजबहादुर सिंह , रामसजीवन,अरुण त्रिवेदी आदि लोग उपस्थित रहे।