धान क्रय केंद्र पर हो रहे है बड़े-बड़े खेल
रिपोर्ट :- निशांत सिंह
- 80 वर्षीय बीमार पिता की आईडी पर पुत्र है नामिनी फिर भी पुत्र का क्रय केंद्र पर नहीं लिया जा रहा है कागज
डीह रायबरेली:-रायबरेली जनपद के डीह ब्लॉक के धान क्रय केंद्र में हो रहे हैं बड़े-बड़े खेल पिता की खेतौनी पर नामिनी होने के बावजूद भी पुत्र का नहीं लिया जा रहा है कागजात बल्कि बड़े बड़े सेठों तथा उनके रिश्तेदारों और मजदूरों तक की खेतौनी ली जा रही है।
जी हां दरअसल यह पूरा मामला डीह ब्लॉक के धान क्रय केंद्र का है जहां पर एक गरीब व्यक्ति अपने खून पसीने की कमाई लगा कर किसी तरह अनाज तैयार करता है तैयार होने के बाद वह अपना अनाज सरकार के तय किए गए सेंटर पर ले जाता है वहां पर बकायदे खतौनी भी फिट कर आता है खैतौनी किसी और की नहीं बल्कि अपने ही पिता की लाकर साहब को देता है जिसमें वह स्वयं ही नामिनी है लेकिन साहब कहते हैं 80 वर्षीय बुजुर्ग जो काफी दिनों से बीमारी से ग्रसित है उनको कहते हैं लेकर आओ तभी आपका कागज जमा होगा पुत्र के केंद्र पर लगातार कई दिनों से चक्कर लगा रहा है
आखिरकार लाचार बेबस पुत्र कैसे अपने पिता को लाए जितने का धान नहीं उससे ज्यादा गरीब व्यक्ति किराए की चार पहिया वाहन करके 10 बार अपने पिताजी को क्रय केंद्र पर ले आए तो तब जाकर साहब उसका धान लेंगे तथा ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार या पता चला है कि साहब सुबह 7:00 बजे से लेकर रात के अंधेरे 10 बजे तक बड़े-बड़े सेठों का धान बिना पंखा किए ही तौल लेते हैं तथा पुरानी तारीख डालकर , पहले से टोकन भी दे देते ग्रामीण करमशेर,शिव हरक मिश्र, शिव नारायण मौर्य, अनुज मिश्रा, अवधेश तिवारी आदि मौजूद रहे आखिरकार योगी सरकार के आला अधिकारियों का इतना बड़ा जुल्म गरीब बेबस लाचार जनता पर आखिर क्यों यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ हैं ।