बिना किसी परमिट के काटे जा रहे प्रतिबंधित बेशकीमती पेड़,जिम्मेदार कौन
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
बाराबंकी : वन माफिया जो अवैध प्रतिबंधित पेड़ों की कटान के लिए विभाग की अनुमति लेना मुनासिब ही नहीं समझते है सिर्फ क्षेत्रीय कर्मचारियों से मिलना ही समस्त कार्रवाई मानते हैं।जो बिना किसी सरकारी अनुमति के ही हमेशा प्रतिबंधित पेड़ों का कटान करते रहते हैं। जिसकी विभाग को भले ही जानकारी ना हो लेकिन क्षेत्रीय कर्मचारियों को इनके प्रत्येक कार्य की जानकारी जरूर होती है।
पूरा मामला बाराबंकी सदर रेंज के सुकलाई गांव का बताया जा रहा है जहां पर बिना किसी सरकारी अनुमति के एक वन माफिया द्वारा वन विभाग और क्षेत्रीय पुलिस की सांठगांठ से प्रतिबंधित बेशकीमती 3 सागौन के पेड़ों को आरा चलाकर काट के गिरा दिया गया।यही नही कि इनके द्वारा काटे गए इन पेड़ों से केवल पर्यावरण का ही नुकसान नहीं हुआ बल्कि राजस्व को भी काफी नुकसान हुआ है।जिसकी सूचना क्षेत्रीय वन दरोगा को दी गई और काटे गए पेड़ों के संबंध में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि अभी पूछ कर बताते हैं। दूसरी बार फोन करने पर बताया कि अभी हम जाम में फंसे हैं….।इस तरह इन पेड़ों के संबंध में जानकारी देने के लिए आनाकानी करते रहे।अब तो जिले के आला अधिकारी ही बता सकते हैं की कितने पेड़ों का परमिट था या नहीं….।यदि बिना परमिट के बेशकीमती सागौन के पेड़ काटे गए है तो इसका जिम्मेदार कौन है और उस पर क्या कार्रवाई होगी।फिलहाल बिना परमिट के काटे जा रहे हरे प्रतिबंधित पेड़ों को लेकर क्षेत्र में विभाग पर सवालिया चर्चाएं गरम है।